अप कोई भी पता कर सकेगा आपके घर का एड्रेस, पते की जगह ले लेगा 6 अंकों का कोड

नई दिल्ली : आपकी जिंदगी में अब आपका कुछ नहीं रहने वाला है. कोई भी भ्रष्ट अफसर या मंत्री आपकी कीमत वसूलकर आपको किसी कॉर्पोरेट की भयावह गुलामी का शिकार बना सकता है. आपका एंप्लायर आपकी हर धड़कन पर नज़र रख सकता है और तो और हत्यारे भी आपको आसानी से ठिकाने लगा सकते हैं अगर सरकारी सिस्टम में उनकी सेटिंग हो. ये पढ़ने में सनसनी खेज लगे लेकिन सरकार जो सिस्टम ला रही है वो इतना ही खतरनाक हो सकता है. सरकार कह रही हे कि देश में अब पते के लिए अब पिन कोड की ज़रूरत नहीं होगी. अब आ रहा है सबके घर का अपना पिन कोड या कहें कि जूनिक डिजिटल पहचान कोड. जैसे आधार कार्ड होता है वैसे आपके घर का आधार होगा.

ये को़ड घर की पहचान होगी, कोड को कंप्यूटर में डालते ही सारी डिटेल सामने आ जाएगी. आप जब ऑनलाइन कोई सामान ऑर्डर करेंगे तो घर आने वाले लिफाफे पर लंबा चौड़ा पता नहीं लिखा होगा बल्कि सिर्फ एक नंबर लिखा होगा. गूगल मैप पर भी यदि लोकेशन ढूंढना है, तो पूरा पता लिखने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ यूनीक कोड डालने से लोकेशन सामने आ जाएगी. सरकार की ई-एड्रेस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए डाक विभाग ने इस नयी स्कीम की तैयारी शुरू कर दी है. इसमें उसका साथ मैप माई इंडिया कंपनी दे रही है.

योजना की शुरुआती दिल्ली, नोएडा और बोकारो से की जानी है. इसमें आपके घर या ऑफिस के पते की जियो टैगिंग की जाएगी. यानी रिमोट सेंसिंग के जरिये उसकी जियोग्राफिक लोकेशन को दर्ज किया जाएगा. इससे यह लोकेशन डिजिटल मैप से कनेक्ट की जा सकेगी. आपसे मोबाइल नंबर व परिवार के एक या दो सदस्यों का आधार नंबर भी लिया जाएगा. मैप माई इंडिया के मौजूदा ई-लॉक सॉफ्टवेयर की तर्ज पर डाक विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार करेगा.

जिसके जरिये डिजिटल कोड जेनरेट किया जाएगा. छह डिजिट का यह कोड अल्फा न्यूमेरिक होगा, यानी यह अंकों और अल्फाबेट का मिलाजुला रूप होगा. इसमें घर की लोकेशन, गली, मोहल्ला, जिला, राज्य और देश मैप पर टैग रहेगा. गूगल मैप जैसे किसी भी डिजिटल मैप पर यह कोड डालते ही घर या गंतव्य का पता, मैप पर उसकी जियोग्राफिक लोकेशन सामने आ जाएगी. डाक के अलावा फायर सर्विस, एम्बुलेंस सेवा, आपातकालीन सेवा, कोरियर आदि के लिहाज से भी यह सुविधाजनक होगा. इसे प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड से भी जोड़ा जा सकेगा.

असिस्टेंट डायरेक्टर, इंडिया पोस्ट (दिल्ली सर्कल) पीसी शर्मा, ने बताया कि इस योजना के लिए शुरुआती तौर पर दिल्ली और नोएडा को चुना गया है. इसके लिए दिल्ली के दो पिन कोड व नोएडा के एक पिन कोड क्षेत्र को चिह्नित किया जाना है. बोकारो, झारखंड में सहायक डाक अधीक्षक विश्वजीत राय ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के अलावा बोकारो में यह काम किया जाना है. वहीं, मैप माइ इंडिया के प्रबंध निदेशक राकेश वर्मा ने कहा कि आज डिजिटल युग में हर पते को एक डिजिटल पहचान की जरूरत है.

इसके लिए दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर स्मार्ट डिजिटल एड्रेस सिस्टम (एसडीएएस) पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया गया है. स्थलीय सर्वेक्षण के माध्यम से किसी भी पते को छह नंबर-अक्षर का कोड दिया जाएगा, जिसके माध्यम से उस जगह तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.