आरएसएस के नये प्रचारकों को ज्ञान देंगे प्रणव मुकर्जी

नई दिल्ली : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जल्द ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों को संबोधित कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगामी 7 जून को स्वयंसेवकों के विदाई संबोधन के लिए उन्हें आरएसएस ने आमंत्रित किया है. इस मौके पर 45 साल से कम उम्र के 800 से ज्यादा कार्यकर्ता नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय कैंप में शामिल होंगे.

उल्लेखनीय है कि आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में हर वर्ष ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम का नाम पहले ऑफिसर ट्रेनिंग कोर्स था. लेकिन अब इसे बदलकर संघ शिक्षा वर्ग कर दिया गया है. संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षा लेने के बाद आरएसएस के कार्यकर्ता पूर्णकालिक प्रचारक बन सकते हैं. इसके बाद ये प्रचारक जीवनभर देश में संघ की विचारधारा के साथ काम करते हैं.

हालांकि नागपुर के आरएसएस कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसकी आधिकारिक घोषणा उचित समय आने पर की जाएगी. लेकिन पूर्व राष्ट्रपति को आमंत्रित किए जाने की बात उन्होंने स्वीकार की है. गौरतलब है कि जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनसे मिलने पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने इस बात पुष्टि नहीं की, कि पूर्व राष्ट्रपति को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है.

बता दें कि 82 वर्षीय प्रणव मुखर्जी 1969 से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं, जब इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा में चुने जाने में मदद की थी. केंद्रीय वित्तमंत्री के रूप में प्रणब का पहला कार्यकाल 1982-84 तक रहा. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पार्टी में उनका कद कुछ घट गया और वर्ष 1986 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. लेकिन वर्ष 1989 में अपनी राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस में विलय करके वह फिर से कांग्रेस में वापस आ गए.

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