“पुलिस ने शादी के खाने में ज़हर मिलाया, लाशों पर गोलिया बरसाकर कहा नक्सली थे”

नई दिल्ली : यूपी की फर्जी मुठभेड़ की खबरें अगर आपको कम अमानवीय लगती हैं तो ये दावा आपको अंदर तक हिला देगा. आरोप है कि छत्तीसगढ़ के गढ़ चिरौली में पुलिस ने शादी के खाने में ज़हर मिला दिया. जब जहर खाकर बेकसूर गांव वाले मारे गए तो पुलिस ने उनपर गोलियां चलाईं और एलान कर दिया कि उसने अपने ऑपरेशन में 39 नक्सलवादियों को मौत के घाट उतार दिया है.

इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने करीब 39 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा था. इसके 34 नक्सलियों के शवो के पोस्टमोर्टेम होने के बाद एक नया आरोप लगाया जा रहा है. नक्सलियों का आरोप है कि इस फर्जी एनकाउंटर को छिपाने के लिए पोस्टमार्टम के बाद मरने वाले लोगों का विसरा भी सुरक्षित नहीं रखा गया.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया तेलंगना स्टेट कमिटी के प्रवक्ता जगन ने एक प्रेस कांफ्रेस कर दावा किया कि पुलिस ने उनके कार्यकर्ता और निर्दोष गाँव वालो को मारने से पहले ज़हर दिया था. गतटेपल्ली गाँव निवासियों ने दावा किया कि उनके गांव के 7 लोग 21 अप्रैल से गायब है. जगन ने बताया कि उनका एक समूह कसनासुर में एक शादी समारोह में गया था.

रिपोर्ट के अनुसार गतेपल्ली के एक सूत्र ने बयाता कि करीब 8 लोग भी गांव से कसनासुर में शादी में शामिल होने गये थे. वही आयोजको का कहना है कि इनमे से कोई भी उनके यहां नहीं आया था और स्थानीय गांववालो का कहना है कि इसी समारोह में आठ नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार इन आरोपों पर पुलिस का कहना है कि इन आठो लोगो को शादी में आमंत्रित नहीं किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी इलाके के लोगों का मानना है कि पुलिस ने एक पूर्व काडर से होमगार्ड बने व्यक्ति की मदद से शादी समारोह के खाने में ज़हर मिलाया था. वही नक्सलियों के विसरा न रखने पर डॉक्टर ने सफाई दी है कि नक्सलियों का मौत का कारण स्पष्ट था इसलिए विसरा सुरक्षित नहीं रखा गया.

आपको बता दें कि बीते 22 अप्रैल को गढ़चिरौली-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर राले कसनासुर-बोरिया जंगल में नक्सलियों और सुरक्षाबालो के बीच 48 घंटो तक मुठभेड़ चली थी. इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी और एनकाउंटर में लगभग 39 नक्सलियों को मार गिराया गया था.