प्लेन में भारतीय तड़पता रहा, पाकिस्तान ने मदद नहीं की, दो देशों की नफरत का एक और शिकार

राजनीति और देशों से नफरत की भावना कितनी आमानवीय और घटिया हो सकती है ये उदाहरण है. हो सकता है कि इसे पढ़कर कुछ लोग अपनी उस भावना को और मजबूत कर लें और बदले के लिए किसी और को भी ऐसे ही तड़पता छोड़ दें लेकिन ये सबसे दुर्दांत अमानवीय हरकत है जो राजनीति ने की है .

15 अगस्त से दो दिन पहले भारत से तुर्की की हवाई यात्रा के दौरान राजस्थान के भिवाड़ी शहर के रहने वाले विपिन की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद पायलट ने लाहौर एयरपोर्ट पर प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करवाने का फैसला किया. लैंडिंग के बाद पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक को मेडिकल सहायता देने से इनकार कर दिया. इसके लिए पाकिस्तान ने विपिन के भारतीय होने को कारण बताया.

विपिन तीन घंटे तक लाहौर में तुर्की एयरलाइंस में तड़पता रहा. आखिर तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट वापस दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची और उसे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. विपिन की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.

विपिन के साथ सफर कर रहे जालंधर के रहने वाले पंकज मेहता ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पीएम मोदी और विदेश मंत्री को ट्वीट किया था. विपिन एक बीमा कंपनी में सेल्स मैनेजर है और कंपनी की ओर से 3 दिन के टूर पर तुर्की जा रहा था.

पंकज के अनुसार, 12 अगस्त को देर शाम फ्लाइट से इस्तांबुल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. रात करीब 10 बजे विपिन ने वाइन पी और उसके बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी. रात एक बजे वह बेहोश हो गया. क्रू से मदद मांगी गई और वहां मौजूद एक भारतीय डॉक्टर ने उसे संभालने की कोशिश भी की. इमरजेंसी देखते हुए पायलट ने 1:30 बजे प्लेन लाहौर एयरपोर्ट पर लैंड करवाया लेकिन अस्पताल में भर्ती कराने की डॉक्टर की सलाह पर भी पाकिस्तान ने आनाकानी की. करीब 3 घंटे बाद फ्लाइट दिल्ली के लिए रवाना हो गई.

जबतक नफरतें ज़िंदा हैं ऐसे हादसे होते रहेंगे. नफरत को नफरत से काटने से वो बढती है. जय हिंद

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