प्याज़ के दाम कम नहीं होंगे, जमाखोरी रोकने से केन्द्र का इनकार, हाथ खड़े किए

नई दिल्ली : प्याज़ के दाम कितने भी आसमान पर हों लेकिन आप सरकार से उम्मीद  मत रखिएगा. खुद खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ये बात कही है. उन्होंने कहा है कि यह उनके हाथ में नहीं है.

पासवान ने एक सवाल के जवाब में यहां तक कह दिया ‘कीमतों को रोकना उनके हाथ में नहीं है.’ यानी उपभोक्ताओं को लंबे समय तक महंगी प्याज से ही काम चलाना होगा. हालांकि बाद में पासवान ने कहा कि सरकारी एजेंसियां महाराष्ट्र की मंडियों से 32 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज की खरीद कर दिल्ली में आपूर्ति करेंगी. प्याज का निर्यात अधिकतम मूल्य 850 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है, जिससे निर्यात लगभग रुक गया है.

आपको पता होगा कि देश में प्याज के जमाखोर जमकर नोट कमा रहे हैं. यही वजह है कि देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज के मूल्यों में भारी अंतर है. महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार हरकत में आ गई है. केंद्रीय आपूर्ति मामले और खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने प्याज की पैदावार का ब्यौरा देते हुए सरकार की तैयारियों की जानकारी दी. लेकिन जमाखोरी पर रोक लगाने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए. प्याज़ इतनी महंगी है कि सब्जी बिक्रेता उसकी महंगी बोरी खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

पासवान ने प्याज आपूर्ति बढ़ाने से संबंधित मंत्रालयों के आला अफसरों के साथ लंबी बैठक की. इस दौरान प्याज की खेती और उसकी पैदावार की समीक्षा की गई. साथ ही सरकारी एजेंसियों को प्याज की मांग को पूरा करने के लिए तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिये गये हैं. आयातित प्याज किसी भी हाल में महीने भर से पहले भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच पाएगी. इसलिए फौरी तौर पर उत्पादक मंडियों में सरकारी एजेंसियां प्याज की खरीद करने उतरेंगी.