पुराने किले में महाभारत के अवशेष ढूंढने के लिए खुदाई, निकल रही हैं मुगल निशानियां


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नई दिल्ली:  दिल्ली के पुराने किले में महाभारत कालीन अवशेष तलाशने का काम चल रहा है. ये काम इसलिए क्योंकि दिल्ली का नाम इन्द्रप्रस्थ है. दूसरा मकसद ये है कि पुराने किले मे कुछ ऐसा मिल जाए जो महाभारत काल का कहा जा सके तो उसका राजनीतिक इस्तेमाल हो सके.  बहरहाल खुदाई जारी है और एएसआई इस पुराने किले को 10 फुट तक खोजने वाला है. अब तक की खुदाई में महाभारत काल क कुछ नहीं मिला लेकिन मुगलकालीन चीजें मिली हैं. इतिहास के मुताबिक ये किला शेरशाह सूरी ने बनाया था.

एएसआई का अनुमान है कि 10 मीटर नीचे जाने तक महाभारतकालीन अगर होंगे तो पक्का मिल जाएंगे. फिलहाल खुदाई में जो मुगलकालीन चीजें मिली हैं, वे 1.5 मीटर नीचे मिली हैं. सूत्रों का कहना है कि मुगलों के जमाने की करीब 10 चीजें खुदाई के दौरान मिली हैं, जिनमें टैराकोटा और कुछ ऑर्नामेंट्स (जूलरी) हैं.

आर्कियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि किले में कुछ साल पहले भी खुदाई करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसे रुकवा दिया गया था. हालांकि, अब फिर से इसे शुरू किया गया है. इसके पहले भी दिल्ली में यमुना के किनारे के साथ-साथ और भी कई जगहों से पांडवों के जमाने के अवशेष मिलने का दावा किया जाता रहा है. हुमायूं के मकबरे के पास और सलीमगढ़ (लाल किले के पास) से पांडवों के जमाने के अवशेष मिले थे. विशेषज्ञों का मानना है कि इस खुदाई से उम्मीद है कि यह पूरी तरह स्थापित हो जाएगा कि पुराना किला पांडवों से जुड़ा रहा है या नहीं.

पुरातत्वविदों का मानना है कि अगर खुदाई में कोई फोर्टिफिकेशन मिलता है, जो पांडवों के जमाने का हो तब ही यह साबित हो पाएगा कि यह उनकी राजधानी इंद्रप्रस्थ रही होगी. एएसआई के मुताबिक, पहली पुरातत्व खुदाई 1954-55 में हुई थी. खुदाई 1973 तक चली. 1954-55 की खुदाई में स्लेटी रंग के कुछ चित्रित बर्तन के टुकड़े पाए गए थे. साल 69-70 और 72-73 के बीच बड़े पैमाने पर खुदाई के बाद 8 कालों के अवशेषों के होने का पता चला था. इनमें प्रागैतिहासिक काल, गुप्त काल, राजपूत, सल्तनत, और मुगलकाल प्रमुख हैं.