नोटबंदी पर सच छिपा रहा है आरबीआई, ज़रूर कुछ गड़बड़ है, उर्जित पटेल ने दिया बेवकूफाना जवाब

नई दिल्ली : किसी बैंक की ब्रांच में आज कितनी रकम जानना हो तो आप क्या करेंगे. आप अकाउंट देखकर जानकारी दे देंगे या बैंक के चेस्ट में जाकर नोट गिनना शुरू कर देंगे. हो सकता है कि दूसरा तरीका आपको जोकरों वाला लगे या आप इसे मूर्खता का नया उदाहरण बताएं. लेकिन भारत का सबसे बड़ा बैंक आरबीआई कह रहा है कि वो मशीनों से नोट गिनकर बताएगा कि उसके पास नोटबंदी के बाद कितने पैसे आए.

ये अजीबो गरीब जवाब आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने किसी और को नहीं बल्कि संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति को दिया है. बुधवार को जब पटेल संसद की वित्त मामलों की स्थाई समिति के सामने पेश हुए तो ज्यादातर सदस्यों ने उनसे यही सवाल पूछा कि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक के पास कितने रुपये आए. उर्जित पटेल ने सदस्यों को बताया कि नोटबंदी के समय 17.7 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा बाजार में थी जिसमें से ज्यादातर 500 और 1000 रुपए के नोट थे.

उन्होंने कहा कि इतने पुराने नोट को गिनना आसान काम नहीं है. उन्होंने बताया कि नोटों को तेजी से गिनने के लिए कर्मचारी रात-दिन काम कर रहे हैं और इसके लिए अत्याधुनिक नई मशीनें भी खरीदी गई हैं.

जब स्थाई समिति के सदस्यों ने जानना चाहा कि नोट गिनने का काम कब तक पूरा हो जाएगा तो उर्जित पटेल ने कहा कि इस बारे में ठीक-ठीक अभी नहीं कहा जा सकता. समिति के कुछ सदस्यों ने उर्जित पटेल से यह भी जानना चाहता कि सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोट दोबारा जमा किए जाने का मौका देने के बारे में सरकार से जो सवाल पूछा है, उसमें रिजर्व बैंक की राय क्या है. लेकिन इस सवाल पर भी उर्जित पटेल ने कोई साफ जवाब नहीं दिया.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पुराने नोट आने का सिलसिला अभी भी जारी है और गिनती अभी पूरी नहीं हुई है. सदस्यों के सवाल पर उर्जित पटेल ने कहा की नेपाल और भूटान से पुराने भारतीय नोट अभी भी आ रहे हैं और हाल में ही कॉपरेटिव बैंक को फिर से पुराने नोट जमा करने की अनुमति दी गई थी.

समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने शिकायत की और कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अभी तक नोटों की कमी है और बैंकों से अभी तक पुराना नोट रिजर्व बैंक तक नहीं पहुंचा है. उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर से यह भी जानना चाहा कि जिन 12 लोगों के पास बैंकों का सबसे ज्यादा पैसा डूबा हुआ है, उनका नाम बताया जाए. लेकिन रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग के नियमों के तहत बकाएदारों के नाम इस तरह से घोषित नहीं किए जा सकते.

स्थाई समिति की बैठक में बिटकॉइन का मामला जोर-शोर से उठा और कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि अगर यह करेंसी भारत में गैर कानूनी है तो इसका ऐड एक अंग्रेजी अखबार में प्रमुखता से कैसे छप गया. इस पर उर्जित पटेल ने सफाई दी की रिजर्व बैंक पहले ही कह चुका है कि क्रिप्टो करेंसी भारत में गैर कानूनी है. सदस्यों ने मांग की कि इस बारे में FIR दर्ज कराई जाए. सोचने वाली बात है कि अगर कोई गैर कानूनी काम है तो आरबीआई कोई एक्शन नहीं लेगा. सिर्फ कह देगा कि गलत है. लेकिन आरबीआई का जवाब ऐसा ही था.