बगावत तेज़, नितीश नेे पूरी पार्टी को अंधेरे में रखा. शरद यादव को भी नहीं थी खबर

नई दिल्ली : नितीश कुमार से सिर्फ लालू यादव को धोखा नहीं दिया.  उन्होंने राहुल गांधी को भी धोखा नहीं दिया. नितीश कुमार की चतुराई अब उनके गले की मुसीबत बनती दिख रही है. नितीश ने सिर्फ लालू यादव को ही नहीं बल्कि अपनी  पार्टी के सीनियर नेताओँ को भी धोखा दिया है. निशाने पर नॉकिंग न्यूज़ ने पहले ही बताया थि कि जेडीयू एक लोकतांत्रिक पार्टी है और उसमें नितीश का फैसला कांग्रैस की सोनिया गांधी और बीजेपी के नरेन्द्र मोदी की तरह अंतिम फैसला नहीं है.

नितीश के धोखे की पुष्टि भी हो गई है. खुद पार्टी के सांसद और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने माना कि नितीश ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले पार्टी को अंधेरे में रखा. बीजेपी के साथ गठबंधन से नाराज जेडीयू सांसद भी गुरुवार शाम शरद यादव से मिलने पहुंचे. इनमें वरिष्ठ सांसद अली अलवर और वीरेंद्र कुमार के अलावा पार्टी महासचिव अरुण सिन्हा और जावेद रजा भी शामिल थे. उन्हें साफ कहा कि नितीश ने मनमानी की है. शरद यादव से मुलाकात के बाद अरुण सिन्हा से मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, नीतीश ने पार्टी नेताओं से बातचीत किए बिना ही फैसला लिया.

राज्यसभा सांसद अली अनवर के बाद अब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले को गलत बताया है. सूत्रों की मानें, तो शरद यादव का कहना है महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का नीतीश का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है. इससे बिहार में गलत संदेश जाएगा. आपको बता दें कि जेडीयू में 5 मुस्लिम विधायक हैं, तो वहीं 11 विधायक यादव समुदाय से हैं. हालांकि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शरद यादव से फोन पर बात की है, उन्हें मनाने की कोशिश की है.

शरद यादव से मिलेंगे जेटली

इन सभी अटकलों के बीच दिल्ली में वित्त मंत्री अरुण जेटली शरद यादव से मिलेंगे. कहा जा रहा है कि बिहार में गठबंधन के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच बात हो सकती है. गठबंधन के मुद्दे पर जेटली शरद यादव से बात कर सकते हैं. आपको बता दें कि अरुण जेटली और शरद यादव 1974 से दोस्त हैं.