बीजेपी का नया पैंतरा, ऐसे फंसा रहे हैं केजरीवाल के मंत्रियों को

नई दिल्ली : तरह तरह से परेशान करने के बाद अब दिल्ली मे केजरीवाल सरकार को डिस्टर्ब करने का एक नया तरीका निकाला है. हाई कोर्ट के फैसले का फायदा उठाकर दिल्ली के अफसर सीधे फाइलें एलजी को भेज रहे हैं. इन फाइलों में मनचाही एंट्रियां की जा रही हैं और जब सरकार को बदनाम करना होता है फाइलें मीडिया में लीक कर दी जाती हैं. मज़ेदार बात ये है कि दिल्ली के मंत्री को उनसे जुड़ी हुई फाइलों की खबर सीधे मीडिया से मिलती है.

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक हाल में कई मामले आये जब सीएम या मंत्री को बताए बिना अधिकारियों ने सीक्रेट फैसले लिए. हाल ही में स्कॉलरशिप के मामले में अधिकारियों ने मंत्री को अंधेरे में रखा था. अगर मंत्री या सीएम को बताया जाता तो 5 लाख छात्रों को स्कॉलरशिप की समस्या नही आती इस मामले में बाकायदा सिसोदिया ने ट्विटर पे लिखा ‘ऑर्डर की ये कॉपी तो एलजी आफिस से लीक की गई है. ऑर्डर के पेज 2 पर यह एलजी आफिस को मार्क कॉपी है.

आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि ऐसा करके जनता के बीच में आप की बदनामी की कोशिश की जा रही है. अब नौबत ये है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रियों को तमाम विभागों को निर्देश देने पड़े हैं कि वो फ़ाइल आगे बढ़ाने या फैसला लेने से पहले मंत्री को जानकारी ज़रूर दें
24 जुलाई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से सरकारी विभागों और एलजी को भेजा गया दो पन्नों का नोट भी अफसरों ने लीक कर दिया है. इस नोट में कहा गया है कि-

1) अधिकारी किसी भी फाइल को मंत्रियों से न छिपाएं.
2) फैसला या आर्डर किसी भी सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या चीफ सेक्रेटरी की तरफ से पास नही होगा जब तक मंत्री से अनुमति नही मिल जाए
3) किसी भी विभाग से जुड़े किसी भी मसले पर उससे जुड़े मंत्री की अनुमति के बिना चर्चा न कि जाए.
4) केंद्र सरकार से आई किसी भी फ़ाइल को जल्द से जल्द विभाग के मंत्री, सीएम और एलजी को सौंपी जाए.

सरकार में नए नए मंत्री बने राजेन्द्र गौतम ने एक चैनल को बताया कि अगर जाने अनजाने अधिकारी नियमों की अवहेलना करते हैं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है. नोट का मकसद है कि मंत्री की जानकारी में हर फैसला या निर्देश आना चाहिए और अधिकारियों को कानून के दायरे में काम करना चाहिए क्योंकि सभी संविधान से बंधे हुए हैं. मंत्री राजेन्द्र गौतम आगे कहते हैं कि ‘अधिकारियों पर बंदिश डालने जैसी कोई बात नही है.
पिछले दिनों कई बार ऐसा हुआ जब फ़ाइल आकर चले गयी और मंत्री को पता नही चला. जब काम नही होता है तो जनता तो मंत्री से जवाब मांगती है.
मनीष सिसोदिया के ट्वीट का समर्थन करते हुए राजेन्द्र गौतम ने कहा कि अगर कोई भी लेटर एलजी को भेजा जाता है उसे पब्लिक में लीक नही किया जाना चाहिए. आम आदमी पार्टी सरकार में हाल ही में मंत्री पद संभालने वाले राजेन्द्र गौतम का मानना है कि अधिकारों की लड़ाई 4 अगस्त को आए हाइकोर्ट के आर्डर के बाद से काफी ज्यादा बढ़ गयी है. अधिकारियों ने सोच लिया है कि जनता और मंत्रियों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नही है.