नारद रखते थे गूगल की तरह डाटा, प्राइवेसी में भी करते थे दखलंदाजी, एक और सीएम के उद्गार

अहमदाबाद :  गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि नारद जी गूगल की तरह सभी जानकारियां रखते थे और गूगल की तरह ही प्राइवेसी से भी छेड़छाड़ करते थे. उन्होंने कहा है कि संत नारद को पूरी दुनिया के बारे में जानकारी होती थी. ठीक वैसे ही जैसे आज गूगल सर्च इंजन लोगों को प्रदान करता है.

उन्होंने ये बात आरएसएस की शाखा विश्व संवाद केंद्र द्वारा देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही . जाहिर बात है यहां उनके जैसे ही सोच के लोग थे बहरहाल लोगों ने तालियां भी बजाईं.  रूपाणी ने कहा कि यह आज के दौर में प्रासंगिक है कि नारद एक ऐसे शख्स थे जिसके पास सूचनाएं होती थी. उनके पास पूरी दुनिया की जानकारी थी. वह उन सूचनाओं पर काम करते थे. मानवता की भलाई के लिए उन सूचनाओं को इकट्ठा करना उनका धर्म था और इसकी काफी जरूरत थी.

रूपाणी ने कहा कि गूगल आज एक सूचना साधन है. हम नारद मुनी की तुलना गूगल के साथ कर सकते हैं क्योंकि उनके पास दुनिया में क्या हो रहा था इसकी सारी जानकारी रहती थी. नारद ने कई लोगों को जानकारी दी लेकिन कभी भी ऐसी जानकारी नहीं दी जो मानवता को नुकसान पहुंचाए.

उन्होंने लोकतंत्र में तटस्थ मीडिया के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर सकती है लेकिन उसका तटस्थ और विश्वसनीय होना महत्वपूर्ण है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब भी अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं. देब ने कहा था कि महाभारत काल में इंटरनेट मौजूद था. उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि अगर भारत के पास इंटरनेट की तकनीक नहीं होती तो, महाभारत में संजय धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों-देखा हाल कैसे बयां कर पाता? उन्होंने कहा था कि देश के पास उस वक्त सैटेलाइट मौजूद थी और ये लाखों साल पहले तकनीक के मौजूद होने का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि लोग इसे नकार देते हैं, लेकिन यही सच है.