जब ईमानदार सीएम ने पजामा लाने 1600 किलोमीटर दूर भेजा प्लेन

भोपाल :  मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर आज सबसे ज्यादा लोग अगर किसी मुख्यमंत्री को याद कर रहे हैं तो वो हैं प्रकाशचंद्र सेठी, सेठी सिर्फ चार साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और फिर श्यामाचरण शुक्ल को अपनी गद्दी सौंपकर केंद्र की राजनीति में चले गए. इंदिरा गांधी के बेहद करीबी रहे प्रकाशचंद्र सेठी को उनके मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बनाया गया था

सेठी से जुड़े कई रोचक किस्से हैं . वो बेहद ईमानदार थे और देश के शक्तिशाली पदों पर रहने के बावजूद उनका आखिरी वक्त बेहद मुफलिसी में बीता. उनके जीवान का सबसे दिलचस्प किस्सा गुलाम नबी आजाद की शादी से जुड़ा हुआ है. दिवंगत आईएएस अफसर व पद्म भूषण से सम्मानित एमएन बुच ने अपनी किताब ‘वेन दी हार्वेस्ट मून इज ब्लू’  में अपनी किताब राजनीति नामा मध्य प्रदेश में इस किस्से का जिक्र किया है.

किताब के अनुसार, मुख्यमंत्री रहते हुए सेठी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी की शादी में शामिल होने सरकारी हवाई जहाज से श्रीनगर गए थे. मुख्यमंत्री को तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक, उसी दिन रात को वापस भोपाल लौटना था. कुछ ऐसी परिस्थितयां हुईं कि सेठी ने रात को श्रीनगर में ही रूकने का फैसला ले लिया.

शाम को मुख्यमंत्री को याद आया कि वो रात में पहनने के लिए पजामा तो लेकर नहीं आए. इसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ को तुरंत इस बात की जानकारी दी और सरकारी विमान को पजामा लेने के लिए करीब 1600 किलोमीटर दूर भोपाल रवाना कर दिया.

बताते हैं कि विमान से जब उनका पजामा रात को करीब साढ़े नौ बजे श्रीनगर पहुंचा था, जिसके बाद सेठी ने पजामा लिया और सोने चले गए.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रकाशचंद्र सेठी के राजनीतिक करियर का अवसान शुरू हो गया. इंदिरा गांधी के कैबिनेट में वे गृह मंत्री थे, जबकि राजीव गांधी ने उन्हें मंत्री ही नहीं बनाया. 1990 में इंदौर लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में उन्हें मौजूदा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हरा दिया था. तमाम विवादों में रहने के बावजूद उनकी ईमानदारी के राजनीतिक विरोधी भी कायल थे. जिंदगी के अंतिम वर्षों में वह आर्थिक संकट के दौर से गुजरते रहे और उनके पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं थे. मुख्यमंत्री ने उनके रहने के लिए सरकारी बंगले और इलाज का इंतजाम कराया था.