मोदी सरकार की नयी चाल, एक झटके में लाखों नौकरियां हो जाएंगी खत्म

नई दिल्ली : अगर कोई अपने बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दे. खुद से आगे कुछ न सोचे सारा ध्यान जिम्मेदारियां कम करने पर हो तो जाहिर है उसका खजाना भरा होगा. देश की सरकार भी यही कर रही है. पहले कर्मचारियों की पेंशन से हाथ खींचा. फिर देश में किसानों से लेकर गरीबों तक सबकी सब्सिडी छीन ली और अब नंबर नौकरियां छीनने का आ गया है. इससे सरकार के खर्चे तो कम होंगे लेकिन ऐसी बचत किस काम की और किसलिए जिससे जनता का ही पेट काट लिया जाए.

बेरोजगारों को पकोड़े बेचकर दो सौ रुपये रोज़ कमाने की सलाह देने वाली सरकार ने अब एक झटके में कई नौकरियां कम करने का फैसला लिया है. सरकार पहले सरकारी दफ्तरों में भर्तियां टालती रही और कर्मचारियों से डबल काम करवाती रही अब वो कह रही है कि खाली जगह कभी भरेगी ही नहीं. केंद्र सरकार पिछले पांच साल से खाली पड़े सभी पदों को खत्म करने की योजना बना रही है. इसको लेकर सभी मंत्रालयों और विभागों को व्यापक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है.

एक कार्यालय के ज्ञापन में वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को पांच साल से खाली पड़े सभी पदों को खत्म करने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है. कुछ विभागों और मंत्रालयों ने जवाब दे दिया है लेकिन, कुछ ने व्यापक रिपोर्ट देने की बजाय जरूरी सूचना उपलब्ध कराई है.

16 जनवरी 2018 को जारी ज्ञापन कार्यालय में मंत्रालयों और विभागों के वित्त सलाहकारों और संयुक्त सचिवों (प्रशासन) से पांच साल से खाली पड़े पदों को चिन्हित कर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया गया है.

इसी को लेकर गृह मंत्रालय ने अपने सभी अतिरिक्‍त सचिवों, संयुक्‍त सचिवों, अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुखों एवं अन्‍य संबद्ध संगठनों से व्‍यापक रिपोर्ट देने को कहा है. शुरुआती अनुमान के अनुसार केंद्र सरकार में हजारों पद पांच साल या इससे अधिक समय से खाली पड़े हैं.

इसका मतलब साफ है कि सरकारी क्षेत्र में एक झटके में लाखों नौकरियां कम हो जाएंगी. रोजगार का सृजन करने का दावा करने वाली सरकार रोज़गार खत्म करने पर उतारू हो गई है.