पीपली लाइव का असिस्टेंट डायरेक्टर रेप केस में बरी, अमेरिकी महिला से रेप का था आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म ‘पीपली लाइव’ के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को सुनाई गई सात साल कैद की सजा खारिज कर दी है. साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फारूकी को एक अमेरिकी महिला के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराते हुए उन पर पचास हजार का जुर्माना लगाया था. हाईकोर्ट ने यह सजा खारिज कर दी. सज़ा सुनाए जाने के बाद से महमूद फारुखी तिहाड़ जेल में बंद था.

क्या है पूरा मामला

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की 35 वर्षीय अमेरिकी छात्रा ने फारूकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जो अपने डॉक्टरेट थीसिस के लिए शोध करने भारत आई थीं. यह घटना 28 मार्च 2015 की है. पीड़िता पीएचडी के सिलसिले में रिसर्च के लिए दिल्‍ली आई थी. उसकी रिसर्च गोरखपुर की गुरु गोरखनाथ यूनिवर्सिटी से जुड़ी थी. पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्रा एक कॉमन फ्रेंड के जरिये फारूकी के संपर्क में आई. वह रिसर्च में मदद के लिए 28 मार्च 2015 को सुखदेव विहार स्थित आरोपी के घर गई, जहां फारूकी ने उसका यौन उत्‍पीड़न किया.

फारू़की की पत्‍नी ने भी पीड़िता को इंसाफ दिलाने की बात कही थी

पुलिस सूत्रों का कहना है कि फारूकी भी गोरखपुर के रहने वाले हैं. पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया कि जब यह घटना घटी, तक फारूकी नशे में थे. घटना के बाद पीड़िता ने फारूकी को यूएस से मेल किया, जिसके जवाब में उन्‍होंने पीड़िता को दो पन्ने के मेल में माफीनामा लिखकर भेजा. वहीं, फारू़की की पत्‍नी ने भी मेल पर पीड़िता से माफी मांगते हुए उन्हें इंसाफ दिलाने की बात कही थी.