केजरीवाल से चपरासी जैसा सलूक करते हैं एलजी, संसद में उठा मामला

नई दिल्ली : दिल्‍ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और उपराज्‍यपाल के बीच जारी तकरार का मुद्दा राज्‍यसभा में भी उठा है. संसद के ऊपरी सदन में अप्रत्‍याशित तौर पर कई विपक्षी दलों ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है. चार दलों के नेताओं ने संघ शासित क्षेत्र में जारी संघर्ष को खत्‍म कने का आह्वान किया है. समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने राज्‍यसभा में गंभीर आरेाप लगाते हुए कहा कि एलजी मुख्‍यमंत्री के साथ एक चपरासी जैसा सलूक करते हैं. मालूम हो कि केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है.

सपा नेता नरेश अग्रवाल ने केजरीवाल सरकार को राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में ज्‍यादा अधिकार देने की वकालत की है. उन्‍होंने गुरुवार (28 दिसंबर) को राज्‍यसभा में कहा, ‘दिल्‍ली सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है. उपराज्‍यपाल दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के साथ चपरासी जैसा सलूक करते हैं. यह मुख्‍यमंत्री का अपमान है.’ इस मसले पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस, माकपा और भाकपा ने भी नरेश अग्रवाल का समर्थन किया था. कई सदस्‍यों द्वारा इस मसले को उठाने के बाद उपसभापति पीजे कुरियन ने शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इस तकरार को खत्‍म कराने के लिए कदम उठाने को कहा. केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में पहल करने का आश्‍वासन दिया.

सपा के राज्‍यसभा सदस्‍य ने बुधवार (27 दिसंबर) को भी दिल्‍ली की AAP सरकार का बचाव किया था. विजय गोयल ने दिल्‍ली में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर केजरीवाल सरकार की आलोचना की थी. इसकाे लेकर गोयल ने दिल्‍ली सरकार को बर्खास्‍त करने तक की मांग कर डाली थी.

मालूम हो कि AAP का फिलहाल राज्‍यसभा में एक भी सदस्‍य नहीं है. जनवरी में यह समीकरण बदलने वाला है. केजरीवाल सरकार और उपराज्‍यपाल के बीच अधिकारों को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही है. दिल्‍ली हाई कोर्ट ने उपराज्‍यपाल के पक्ष में फैसला सुनाया था. इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसपर संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को काम न करने देने का आरोप लगाते रहे हैं.