बहुत शातिर हैं कपिल मिश्रा, खुद को बचाने के लिए किया है ये लीगल खेल ?

नई दिल्ली: आपको यकीन नहीं आएगा लेकिन कपिल मिश्रा लगातार आम आदमी पार्टी पर जो आरोप लगा रहे हैं वो उनमें से एक के लिए भी ज़िम्मेदार नहीं हैं. कपिल आरोप तो लगाते हैं लेकिन कानून के सामने एक ढाल ओड़कर . यानी अगर आरोप गलत निकलते हैं तो भी कपिल मिश्रा सीधे सीधे बच जाएंगे.

आज कपिल मिश्रा कुछ फर्ज़ी कंपनियों द्वारा आम आदमी पार्ट को चंदा देने के आरोप लगाते नज़र आए लेकिन इन आरोपों के लिए भी कपिल मिश्रा ने अपने ऊपर ज़िम्मेदारी ली है. ये आरोप वैसे ही हैं कि मुझे कहीं से पता चला है कि ए ने बी की पेंसिल चुराई है. आप इसकी जांच करवा लो. सही निकले तो सज़ा दे.

वकीलों के मुताबिक कपिल मिश्रा जो भी आरोप लगा रहे हैं एक ईमेल अकाउंट पर आ रही ईमेल पर आधारित है. कपिल मिश्रा ने एक ईमेल जारी किया था. इस अब उन्हें जो भी आरोप लगाना होता है इसी ईमेल अकाउंट में आई मेल के आधार पर लगाते हैं. जाहिर बात हैं कपिल खुद कुछ कह नहीं रहे. जो कह रहे हैं उसकी जांच की मांग कर रहे हैं यानी उस को लेकर वो खुद कुछ नहीं कह रहे.

अगर केजरीवाल उन्हें अदालत में घसीटते भी हैं तो कपिल ये कहकर बच जाएंगे कि उन्हें ईमेल मिला था. ई-मेल दुनिया के किसी भी हिस्से से कोई भी भेज सकता है. ये जांच करना बहुत मुश्किल है कि वो ईमेल किसी अपनी मर्जी से भेजा या कपिल मिश्रा के किसी शुभचिंतक ने भिजवाया या खुद कपिल मिश्रा ने मंगवाया.

आम आदमी पार्टी कपिल मिश्रा से कह सकती है कि वो अपने आरोप शपथपत्र के रूप मे लगाए. अगर ऐसा होता है तो कपिल मिश्रा पर झूठ बोलने के आरोपों में संज्ञेय अपराध बन जाएगा.

कपिल का बेहोशी कांड

आप की वित्तीय अनियमितताओं से पर्दा उठाने के दौरान बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा बेहोश हो गए. बेहोश होने से पहले वो केजरीवाल पर दहाड़ रहे थे. कपिल मिश्रा ने कहा कि अब आंखों में जरा सी भी शर्म बची है तो आज शाम तक केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें. अन्यथा मैं केजरीवाल को कॉलर पकड़कर कुर्सी से घसीटते हुए तिहाड़ जेल ले जाऊंगा. उन्होंने लगभग चिल्लाते हुए कहा कि केजरीवाल सुन लें कि मैं कपिल मिश्रा हूं, उन्हें छोड़ूंगा नहीं. इसके साथ ही वह बेहोश हो गए. बेहोश होने से पहले कपिल पास बैठे नील मिश्रा को माइक पकड़ाना नहीं भूले.

कपिल के आरोपों के जवाब में आप के नेता पार्टी नेता संजय सिंह ने रविवार को कहा कि यह पूरी साजिश केजरीवाल और AAP को बदनाम कर उसकी मान्यता रद्द करवाने की है. कपिल मिश्रा ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो कथित फर्जी कंपनियों द्वारा आम आदमी पार्टी के नाम पर दिए गए 35-35 करोड़ के चेक दिखाए थे, इसके जवाब में संजय सिंह ने बीजेपी के नाम पर 70 करोड़ का एक चेक दिखाया. उन्होंने कहा कि कपिल द्वारा दिखाए गए सभी चेक फर्जी थे. साथ ही कपिल के साथ मौजूद नील नाम के व्यक्ति को उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ता बताया.

संजय सिंह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा था.आधी रात का काला सच.ढाई साल से आपकी सरकार है, आप कोई गड़बड़ी नहीं पकड़ पाए. प्रधानमंत्री जी, केजरीवाल को बदनाम करना बंद कीजिए. हमने चंदा लेने के सारे नियमों का पालन किया है. जो बीजेपी कहती थी, वही बात अब कपिल मिश्रा बोल रहे हैं. मनोज तिवारी भी इसी शिकायत के साथ पिछले दिनों चुनाव आयोग से मिले थे और AAP की मान्यता रद्द करने की मांग की थी.’ संजय ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी को खत्म करने की बीजेपी की साजिश है. जो बात कपिल कहते हैं, वही बात बीजेपी कहती है और जो बात बीजेपी कहती है, वही बात कपिल कहते हैं.’

बीजेपी पर तंज कसते हुए AAP नेता ने कहा, ‘जब बीजेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ होने की बात करती है तो लगता है कि जैसे डाकू गब्बर सिंह अहिंसा के बारे में बोल रहा है.’ बीजेपी को घेरते हुए उन्होंने कहा, ‘आपका अध्यक्ष कैमरे पर पैसा लेते हुए पकड़ा गया था, आपके ही एक नेता ने कहा था कि पैसा खुदा नहीं, पर खुदा से कम भी नहीं.’ संजय सिंह ने येदियुरप्पा, व्यापम का घोटाला, आईपीएल का भ्रष्टाचार, ललित मोदी, वसुंधरा राजे, कीर्ती आजाद और डीडीसीए घोटाले का जिक्र करते हुए बीजेपी पर सवाल खड़े किए.

संजय सिंह ने कपिल से साथ पीसी में मौजूद नील को बीजेपी नेता बताते हुए कहा कि वह अरुण जेटली के साथ काम करता है. AAP नेता राघव चड्ढा ने भी कपिल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह पार्टी बनने से पहले से भी विदेश दौरों पर जाते थे और अब भी अपने खर्च पर विदेश जाते हैं. उन्होंने कहा कि कपिल के आरोपों में कुछ भी नया नहीं है.

दरअसल कपिल मिश्रा जो भी आरोप लगा रहे हैं एक ईमेल अकाउंट पर आ रही ईमेल पर आधारित है. कपिल मिश्रा ने एक ईमेल जारी किया था. इस अब उन्हें जोभी आरोप लगाना होता है इसी ईमेल अकाउंट में आई मेल के आधार पर लगाते हैं. जाहिर बात हैं कपिल खुद कुछ कह नहीं रहे. जो कह रहे हैं उसकी जांच की मांग कर रहे हैं यानी उस को लेकर वो खुद कुछ नहीं कह रहे. अगर केजरीवाल उन्हें अदालत में घसीटते भी हैं तो कपिल ये कहकर बच जाएंगे कि उन्हें ईमेल मिला था. ई-मेल दुनिया के किसी भी हिस्से से कोई भी भेज सकता है. ये जांच करना बहुत मुश्किल है कि वो ईमेल किसी अपनी मर्जी से भेजा या कपिल मिश्रा के किसी शुभचिंतक ने भिजवाया या खुद कपिल मिश्रा न मंगवाया.