भारतीय टैंकों को चीन ने हराया, बेइज्जती के पीछे कहीं साजिश तो नहीं

नई दिल्ली : भारत के प्रतिरक्षा और डिफेंस के लिए इससे बड़ी बेइज्जती नहीं हो सकती. रूस की राजधानी मॉस्को स्थित अलाबीनो रेंज में चल रहे अंतरराष्ट्रीय टैंक बैथलॉन 2017 से भारत बाहर हो गया. भारत इन खेलों में दो T-90 टैंक के साथ शामिल हुआ था, लेकिन इन दोनों ही टैंकों में तकनीकी खामी आ गई. इस वजह से भारतीय सेना के लिए इस प्रतियोगिता का अंत दुखत रहा. सबसे बड़ी और गौर करने वाली बात ये हैं कि एक टैंक खराब होने तक तो ठीक था लेकिन दूसरा रिजर्व टेंक कैसे खराब हो गया ?  इस मामले में बड़ा सवाल ये है कि कहीं भारत के साथ कोई साजिश तो नहीं हुई.

इस प्रतिस्पर्धा के शुरुआती चरणों में भारतीय सेना ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसे जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. ऐसे में भारतीय आर्मी के लिए इस प्रतियोगिता का अंत निराशाजनक रहा है.

इस कंपटीशन के लिए पहले से ही काफी डावाडोल हालात चल रहे थे. माना जा रहा था कि भारत इस रेस में स्वदेशी टैंक अर्जुन को उतारेगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. शुरुआत में भारत रूस की तरफ मुहैया कराए गए T-72 टैंक के साथ उतरा था. आखिर में जहाज के रास्ते भारत ने T-90 टैंकों को मंगाया. और इन टैंकों का ये हश्र हुआ. इसी प्रतियोगिता में कजाकस्तान और बेलोरूस उन्हीं टी -71 टैंकों के साथ धूम मचा रहे है जिन्हें भारत ने रिजेक्ट कर दिया था.

अब इस प्रतिस्पर्धा की फाइनल रेस के रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान और चीन आगे बढ़ गए हैं. इन चारों में से ही कोई अब इस गेम को जीतेगा. रेस में रूस और कजाकिस्तान T-72B3 टैंक, बेलारूस T-72 और चीन 96बी टैंक के साथ शामिल हुआ है.

इन खेलों में कुल 19 टीम हिस्सा लिया था, जिसमें से टॉप 4 के बीच अब फाइनल के लिए मुकाबला है.