क्या सैक्स के काबिल नहीं है गुरमीत राम रहीम ? जानिए कैसे उठा ये सवाल

नई दिल्ली: कल अदालत में जब बाबा गुरमीत राम रहीम पर साध्वी से बलात्कार के मामले पर फैसला हो रहा होगा तो एक और मामले पर अदालत फैसला देगी. ये मामला है कि गुरमीत राम रहीम शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम हैं या उन्हें कोई शारीरिक विकृति है.
2008 में अंबाला में सीबीआई की विशेष अदालत में आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत बाबा के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए थे. शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम नहीं है राम रहीम 13 फरवरी 2014 को इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम ने आईपीसी के सेक्‍शन 313 के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए कोर्ट में बयान दर्ज कराया था.

राम रहीम ने अपने स्‍टेटमेंट दावा किया था वह मानसिक और शारीरिक रूप से सेक्‍स करने के लिए फिट ही नहीं हैं. इस मामले में राम रहीम का पक्ष कोर्ट में रख रहे वकील एसके गर्ग ने खुद मीडिया से कहा था कि राम रहीम शरीरिक संबंध बनाने में सक्षम ही नहीं हैं, तो यौनशोषण का सवाल ही नहीं उठता. अब अगर कल अदालत राम रहीम को सजा सुनाती है तो ये भी साबित हो जाएगा कि वो नपुंसक नहीं है.

आपको बताते चलें कि साल 2002 में बाबा गुरमीत राम रहीम पर एक साध्‍वी ने यौनशोषण के आरोप लगाए थे. एक महिला ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई थी. इसके अलावा एक पत्र मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजा गया था.

हाईकोर्ट ने पत्र की जांच के बाद 24 सितंबर 2002 को सीबीआई को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था. साल 2007 में CBI ने जांच पूरी कर रिपोर्ट स्पेशल कोर्ट को सौंपी राम रहीम के खिलाफ रेप केस मामले में सीबीआई ने 28 लोगों की गवाही ली थी. 2007 में सीबीआई ने हाईकोर्ट में हत्या और बलात्कार के मामलों में अपनी रिपोर्ट भी पेश कर दी थी. इसके बाद एक नया मामला सामने आया.

400 लोगों को नपुंसक बनाने का आरोप

इसके बाद बाद 400 लोगों को नपुंसक बनाने और हत्‍या के भी आरोप फतेहाबाद के कस्बा टोहाना के रहने वाले हंसराज चौहान, जो डेरा सच्चा सौदा में साधु रहे थे, उन्‍होंने 17 जुलाई 2012 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा प्रमुख पर डेरे के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने का आरोप लगाया था.

चौहान ने आरोप लगाया कि डेरा प्रमुख के इशारे पर डेरा अस्पताल के डॉक्टरों की टीम साधुओं को नपुंसक बनाती है. चौहान के मुताबिक, भगवान के दर्शन कराने का लालच देकर साधुओं को नपुंसक बनाया गया. इसके अलावा सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और रणजीत सिंह की हत्‍या के आरोप भी राम रहीम पर लगे हैं. रणजीत सिंह डेरा की प्रबंधन समिति का सदस्य था, जिसकी वजह से डेरामुखी के करीब होने से सारी गतिविधियों से वाकिफ था. 10 जुलाई 2003 को उसकी हत्या कर दी गई. यह मामला भी अदालत में चल रहा है.