बहिस्कार से चीन को फायदा, भारत को बड़ा नुकसान

बीजिंग : भारत और चीन के बीच तनाव का सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान भारत को हो रहा है. चीनी मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को आपसी टकराव से बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. चीन स्थित भारतीय दूतावास के आंकड़ों के हवाले से चीनी अखबार की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को इस मामले में 47 अरब डॉलर का घाटा हुआ. चीन को भारतीय से जाने वाला माल एक साल में 12.3 प्रतिशत घट गया जबकि चीन से भारत आन वाला माल दो प्रतिशत बढ़ा यानी बहिस्कार क बावजूद चीन का भारत को निर्यात 59 अरब डॉलर हो गया है.

दूसरी तरफ इस बात के आसार बन रहे हैं कि चीन की कंपनियां भारत में निवेश बंद कर दें. हाल के सालों में बड़ी संख्या में चीनी कंपनियों ने भारत में मेक इन इंडिया के तहत अपने प्लांट लगाए थे. वीवो और ओप्पो उन्हीं कंपनियों में से एक हैं. इस आशंका के पीछे की वजह चीन के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट है मीडिया ने सोमवार को लिखा कि भारत व चीन के बीच व्यापार युद्ध की आशंका गहराती जा रही है.

मीडिया का कहना है कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बीच भारत ने 93 चीनी उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया है. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में एक आलेख में चीन की कंपनियों से कहा है कि वो भारत में निवेश करने से पहले एक बार और सोच लें. इसके साथ ही इसमें भारत को आगाह किया गया है कि वह ‘अपने इन खराब फैसलों के संभावित परिणामों’ का सामना करने को तैयार रहे. आलेख के अनुसार चीन भारतीय उत्पादों पर प्रतिबंध लगाते हुए आसानी से बदले की कार्रवाई कर सकता है.

आलेख में कहा गया है‘ चीन व भारत के बीच व्यापार युद्ध की आशंका गहराती नजर आ रही है क्योंकि भारत ने पिछले बुधवार को चीन के 93 उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया.’ इसमें कहा गया है, ‘अगर भारत वास्तव में चीन के साथ व्यापार युद्ध शुरू करता है तो नि:संदेह चीन के आर्थिक हितों पर असर होगा लेकिन भारत के लिए भी प्रतिकूल परिणाम होंगे.’