भारत में बेरोज़गारों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा, पकौड़े बेचकर भी सबको नहीं मिल सकता काम

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान देते हुए कहा पकौड़े बेचना भी रोजगार है, लेकिन जितने हालात ये है कि नौजवानों को पकोड़ा बेचकर रोटी रोजी कमाने के बावजूद देश में बेरोज़गारी बेहद खतरनाक स्तर पर बढ़ गई है. knockingnews.com  देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर कुछ ऐसे आंकड़े बता रहा है, जो युवाओं के लिए चिंता का विषय है. बता दें, ये सभी सरकारी आंकड़े हैं, जो श्रम ब्यूरो से लिए गए हैं.

– आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया के सबसे ज्यादा बेरोजगारों का देश बन गया है.

– भारत की 11 फीसदी आबादी लगभग 12 करोड़ लोग बेराजगार हैं. 12 करोड़ लोग अगर पकोड़े बेचते हैं तो ये देश खा तक नहीं पाएगा.

– 2015-16 में बेरोजगारी की दर 5 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. लगातर बेरोज़गारी बढ़ रही है. पकौड़े बेचने वालों की संख्या कितनी बढ़ाएगी सरकार

– जहां 12 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, वहीं 2015 में सिर्फ 1 लाख 35 हजार लोगों को ही नौकरी मिली.

– वहीं चार साल से 550 नौकरियों रोज खत्म हो रही हैं.

– इन चार सालों में महिलाओं की बेराजगारी दर 8.7 तक पहुंच गई है.

– श्रम रोजगार की रिपोर्ट कहती हैं कि स्वरोजगार के मौके घटे हैं, और नौकरियां कम हुई हैं.

पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार

कहते हैं कि पढ़-लिख लोगे तो एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी. लेकिन आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारों में पढ़े-लिखे युवाओं की तादाद सबसे ज्यादा है. जिसमें 25 फीसदी 20 से 24 आयुवर्ग के हैं, जबकि 25 से 29 वर्ष की उम्र वाले युवकों की तादाद 17 फीसदी है. 20 साल से ज्यादा उम्र के 14.30 करोड़ युवाओं को नौकरी की तलाश है. विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ती बेरोजगारी का यह आंकड़ा सरकार के लिए गहरी चिंता का विषय है.

क्या कहती है यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत में बेरोजगारी वर्तमान समय से और बढ़ सकती है. जो बेरोजगार युवाओं के लिए खतरे की घंटी है.