मोदी सरकार की एक नीति ने घाटे वाली रिलायंस को मुनाफे में ला दिया

नई दिल्ली : मुफ्त की सेवाएं देकर भी एक तिमाही में 504 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने के कारण रिलायंस की बड़ी तारीफ हो रही है. उसकी व्यासायिक कुशलता को बढ़ाचढ़ा कर देका जा रहा है. लेकिन क्या किसी ने सोचा कि जियो को घाटा होता अगर एक सरकार का एक फैसला अंबानी के हित में नहीं हुआ होता. इस फैसले ने नीति बदली और दूसरे ऑपरेटरों के 1058 करोड़ रुपये लगभग छीनकर रिलायंस टेलीकॉम की जेब में डाल दिए गए. अगर ऐसा न हुआ होता तो रिलायंस को 554 करोड़ रुपये का फायदा हुआ होता. सरकार के इस फैसले की वजह से अब तक घाटे में चल रही कंपनी मुनाफे में आ गई. इस फैसले की वजह से जियो को अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा हुआ है.

दरअसल साल 2017 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण(ट्राई) ने इंटरकनेक्शन यूसेज चार्ज यानी IUC में 57% की कटौती की थी. IUC वो चार्ज होता है जो एक कंपनी अपने फोन का इस्तेमाल दूसरे ऑपरेटर का नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए देती है. मान लीजिए कि आपके पास जियो फोन नहीं है अब जियो फोन से कोई आपको फोन करेगा तो आपके ऑपरेटर का नेटवर्क भी इस्तेमाल होगा. उसके इक्युपमेंट इस्तेमाल होंगे और बिजली भी फुंकेगी. उसका कर्मचारियों पर होने वाला खर्च भी उसे ही उठना पड़ेगा.

सरकार ने फैसला लिया कि ये पैसे कम कर दिए जाएं. इससे दूसरे ऑपरेटर्स को करीब 57 फीसदी का नुकसान हो गया. रिलायंस के नंबर पर तो इक्का दुक्का लोग फोन करते थे लेकिन जियो वाले दूसरे नंबरों पर दबा के कॉल किया करते थे.

इसी तरीके से सरकार ने सीधे रिलायंस को 1058 करोड दूसरे ऑपरेटर से काटकर दिलवा दिए. ये पैसा वो था जो की की और जियो का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 90 फीसदी बढ़ गया और कंपनी तो तीसरी तिमाही में 504 करोड़ का मुनाफा हुआ. जियो के फायदा,बाकी को नुकसान ट्राई के इस फैसले से जहां जियो ने अपने 1058 करोड़ रुपए बचाकर लाभ अर्जित किया वहीं आइडिया, एयरटेल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को इसकी वजह से नुकसान हुआ.

सा इसलिए क्योंकि ट्राई के फैसले के मुताबिक जियो को अक्टूबर तक आईयूसी चार्ज के तौर पर मोटी रकम चुकानी पड़ रही थी, जिससे दूसरी कंपनियों को लाभ हो रहा था, लेकिन आईयूसी चार्ज घटने से दूसरी कंपनियों को मिलने वाला ये चार्ज कम हो गया और जियो की बचत हुई.

सरल शब्दों में ये कमाई रिलायंस ने नहीं की बल्कि सरकार ने नियम बदलकर दूसरे ऑपरेटरों को मिलने वाली जायज फीस कम कर दी. इसका मोटा फादा रिलायंस को हुआ.