‘महामंडलेश्वर’ हिस्ट्रीशीटर निकला, कुंभ से पुलिस ने पकड़ा

एक बेहद फेमस पूर्व महामंडलेश्वर को इलाहाबाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. ये महामंडलेश्वर एक सिपाही को धमकी दे रहा था और सभी कुंभों में दिखाई देता है . जब पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया ये मौजगिरि आश्रम के पास था. ये बाबा पुराना हिस्ट्रीशीटर रहा है और इस पर कई केस चल रहे हैं .
गोल्डेन बाबा पर एक सिपाही को धमकी देने का आरोप है. इस मामले में प्रयागराज के दारागंज थाना में केस भी दर्ज है. बाबा को कल आधी रात के बाद पुलिस ने यमुना बैंक रोड पर मौजगिरी आश्रम के पास से अपनी हिरासत में ले लिया. सिपाही को धमकी देने के मामले में बाबा के साथ उनके तीन अनुयायियों को भी पकड़कर पुलिस रात दो बजे तक पूछताछ कर रही थी. बाबा को हिरासत में लिए जाने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में साधु-संत थाने पर जमा हो गए थे.
कुंभ मेले में डयूटी पर संभल से आया सिपाही सतीश कुमार इस बाबा की सुरक्षा में तैनात था. कुछ दिनों पहले बाबा उसे बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति लिए गाजियाबाद ले गया था. वहां पर सिपाही सतीश ने इसका विरोध किया तो बाबा ने उसे धमकी दी.
उनका आरोप है कि बाबा ने उसे रास्ते में रोककर गाली गलौज की और उनके साथी सोनू ने गला कसकर मारने का प्रयास किया.
कौन है ये दुर्दांत महामंडलेश्वर संत
इस बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा है तथा उन पर हरिद्वार और दिल्ली सहित विभिन्न थाना क्षेत्र में 34 मामले चल रहे हैं. इन्हे में दिल्ली के गांधी नगर में अपहरण का मामला बहुत गंभीर है. साथ ही हरिद्वार की संपत्ति फर्जी रूप से बेचने का मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.
उनका असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ है तथा उन पर हरिद्वार और दिल्ली सहित विभिन्न थाना क्षेत्र में 34 मामले चल रहे हैं. इन्हे में दिल्ली के गांधी नगर में अपहरण का मामला बहुत गंभीर है. साथ ही हरिद्वार की संपत्ति फर्जी रूप से बेचने का मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. ये बाबा महामंडलेश्वर जैसी प्रतिष्ठित उपाधि हासिल कर चुका है. बाद में राधे मां के साथ उसकी महामंडलेश्वर की उपाधि छीन ली गई थी. लेकिन कुंभ से ठीक पहले जूना अखाड़े ने उसका रिकॉर्ड खंगाला और उसे अखाड़े में ज़मीन देने से इनकार कर दिया.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि अखाड़ों द्वारा अपने बाबाओं पर की गई कार्रवाई का स्वागत करते हैं. गलत छवि वाला कोई धर्माचार्य किसी अखाड़े में नहीं रहना चाहिए. अखाड़ा परिषद स्वयं फर्जी बाबाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि महानिर्वाणी अखाड़े के स्वामी नित्यानंद पर अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है, अत: उन्हें महामंडलेश्वर नगर में भूमि आवंटित की जानी चाहिए.

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