GST: व्यापारियों को अखबार में छापनी होगी प्राइज लिस्ट, जनता वहीं से जानेगी रेट

नयी दिल्ली: जीएसटी पर सरकार का नया फरमान आया है. अब आपको अखबार से पता करना होगा कि जो चीज़ आप खरीद रहे हैं वो कितने की है. इसके बाद दुकानदार अगर ज्यादा दाम लेता है तो आपको उसके झकझक करनी होगी. फिर उसकी शिकायत करनी होगी. केन्द्र सरकार इस बारे में आदेश जारी कर रही है. कल्पना कीजिए कि आपकी महीने के राशन की लिस्ट में 50 चीज़ें हैं तो उनका दाम पहले अखबार से देखना होगा. अखबार में विज्ञापन देने की ज़िम्मेदारी रिटेलर को सौपी गई है. जानी दुकानदार के सिर पर एक और खर्च.

सरकार ने व्यापारियों और कंपनियों से कहा है कि वे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद अधिक उपभोग वाले उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में बढ़ोतरी के बारे में जनता का सूचित करने के लिए विज्ञापन जारी करें.

जीएसटी से पहले के स्टॉक को निकालने के लिए इससे पहले सरकार ने इसी सप्ताह दो स्टीकरों जिसमें एक में नई कीमत और साथ में उत्पाद की पुरानी कीमत का उल्लेख होगा.

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कानून के तहत प्रत्येक उत्पाद पर एमआरपी का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के बाद विभिन्न उत्पादों पर कर प्रभाव में बदलाव के मद्देनजर कानून के तहत नई दरों का उल्लेख करना अनिवार्य है.

एफएमसीजी उत्पादों (रोज़मर्रा के काम आने वाले सामान) की नयी एमआरपी के बारे में दो स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होगा अधिया ने कहा कि एमआरपी में बदलाव की समस्या के हल के लिए सरकार ने नई दरों वाले स्टीकर चिपकाने की अनुमति दी है.

उन्होंने आज यहां दूसरी जीएसटी मास्टर क्लास में कहा, मैं व्यापारियों से अपील करता हूं कि स्टीकर चिपकाना मुश्किल काम नहीं है. करीब करीब धमकी के अंदाज़ में उन्होंने कहा कि जितना जल्दी वे ऐसा करेंगे, उतना ही उनके लिए यह अच्छा होगा.

अधिक खपत वाले उत्पादों के संशोधित एमआरपी के बारे में दो स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होगा. उन्होंने कहा कि यदि किसी उत्पाद का काफी ज्यादा उपभोग है तो तुरंत संशोधित एमआरपी के बारे में समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाना चाहिए.

लोगों को विज्ञापन के जरिये इसकी जानकारी दी जानी चाहिए. हालांकि अधिया यह कहने से बचे कि अनुपालन न किए जाने की स्थिति में कौन से कानूनी प्रावधान लागू होंगे.