डोनाल्ड ट्रंप का जंगली फैसला: गूगल के सु्दर पिचाई ने की निंदा, वापस बुलाया ट्रेवलिंग स्टॉफ, जुकरबर्ग भी नाराज़

सैन फ्रांसिस्को : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भेदभाव भरे जंगली फैसले का दुनिया भर में विरोध हो रहा है. मुस्लिम देशों के विरोध को आप भूल भी जाएं तो गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों ने ट्रंप के तुगलकी फरमान पर कड़ी नाराज़गी जाहिर की है.
भारतीय मूल के गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने खुलकर ट्रंप की ओर से जारी की गई नई वीजा पॉलिसी की निंदा की है। शुक्रवार को जारी की गई नई नीति के तहत 7 मुस्लिम बाहुल्य देशों के नागरिक अगले 3 महीने तक वीजा नहीं देने का आदेश दिया है। ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद गूगल ने अपने ट्रैवलिंग स्टाफ को अमेरिका वापस बुला लिया है। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि मुस्लिम बाहुल्य देशों के आने पर रोक लगाने का फैसला अमेरिका में आने वाले टैलंट के लिए ‘बैरियर’ जैसा है। पिचाई के अलावा फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई ने भी ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की निंदा की है।
पिचाई ने स्टाफ को भेजे ईमेल में लिखा है कि 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों के यूएस आने पर अस्थायी रोक के फैसले से गूगल के करीब 187 एंप्लॉयी प्रभावित होंगे। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ‘इस ऑर्डर के असर को लेकर हम चिंतित हैं। गूगल के एंप्लॉयीज और उनके फैमिली मेंबर्स पर रोक का किसी भी तरह का निराश करेगा और इससे अमेरिका में अच्छे टैलंट के आने पर बैरियर लगेगा।’
पिचाई ने कहा, ‘यह दुखद है कि इस कार्यकारी आदेश का परिणाम हमारे सहकर्मियों को भुगतना पड़ रहा है।’ बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने ट्रैवल कर रहे अपने करीब 100 कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। शुक्रवार को ट्रंप की ओर से हस्ताक्षर की गई नई वीजा नीतियों के मुताबिक 7 मुस्लिम बाहुल्य देशों के लोगों को 90 दिनों तक वीजा देने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सीरिया से आने वाले शरणार्थियों की एंट्री भी अगले आदेश तक रोक दी गई है। इस आदेश के तहत 7 मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागिरकों पर वीजा पाबंदियां लगा दी गई हैं।