अपने ही फ्लैटों से बाहर किए जा सकते हैं एनसीआर के हज़ारों बायर्स, रेरा के तहत आया नया आदेश

नई दिल्ली : एनसीआर के शहरों में अब हो सकता है कि हजारों फ्लैट बायर्स को अपना फ्लैट खाली करना पड़े. ये लोग गैर कानूनी तरीके से अपने ही घरों में रहने जा रहे हैं. रेरा कानून के मुताबिक जो लोग फ्लैट्स में कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिले बगैर ही रह रहे हैं वो घर से बाहर किए जा सकते हैं. ऐसे लोग फिटआऊट पजेशन के नाम पर बिल्डिंग में रहते थे जो कि अब साफ तौर पर गैरकानूनी है.

फिट आउट पजेशन का चलन एनजीटी के उस आदेश के बाद दिया गया था जिसमें कहा गया था कि नोएडा अथॉरिटी एनजीटी के आदेश के बगैर किसी प्रोजेक्ट की कम्प्लीशन सर्टिफिकेट ना दे. इस कारण ज्यादातर वो प्रोजेक्ट जो ओखला पक्षी अभ्यारण्य के दायरे में आते थे उनका कंप्लीशन रुक गया. बिल्डरों ने इसका तोड़ निकाला और बायर्स को फिट आऊट पजेशन देना शुरू कर दिया.

ये होता है फिट आऊट पजेशन
दरअसल, फिट आउट पजेशन में ग्राहक को घर पर इंटीरियर कराने के नाम पर घर का कब्जा दे दिया जाता है. यानी कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बगैर आप अपना घर तैयार करवा सकते हैं. इस दौरान घर पर वुडवर्क, पेंट जैसे बुनियादी काम कराने के नाम पर ग्राहक को मकान में रहने दिया जाता है.
लेकिन इसके अंतरगत भी ग्राहक दिन भर घर में रुककर तो काम करा सकता है लेकिन रात को वो उस घर में नहीं रह सकता. बिल्डरों ने लोगों से पूरा पैसा लेकर उन्हें फिट आऊट पजेशन के नाम पर घरों में रहने की इजाजत देदी.

ग्राहक भी किराए और ईमआई के दोहरे बोझ से बचने के लिए इन मकानों में चुपचाप रहने चले जाते हैं.
जबकि उनके लिए इस तरह की रिहाइश बेहद जोखिमभरी होती है.
ऐसे घरों में रहने वाले लोग निर्माण के दौरान होने वाले किसी हादसे या ऊपर से सामान गिरने पर मारे जाते हैं तो बीमा का लाभ नहीं मिल सकता. आपके घर में आग लग जाती है तो कोई मुआवजा या बीमा लाभ नहीं मिलेगा. घर में चोरी होती है तो भी बीमा नहीं मिलेगा और तो और आप गिरकर दुर्घटना के शिकार होते हैं या लिफ्ट मे फंस जाते हैं तो ये भी आपकी ही जिम्मेदारी होती है.

इतना ही नहीं कई मामलों में बिल्डरों ने संबंध खराब होने की स्थिति में लोगों को उनके ही फ्लैट से बाहर कर दिया है. अगर एनजीटी का फैसला निर्माण के खिलाफ आता है या बिल्डिंग सील होती है तो भी आप अपने ही घर से बेदखल हो सकते हैं.
यानी हर तरह का खतरा उठाने का जिम्मा सिर्फ बेचारे और लाचार ग्राहकों पर डाल दिया गया है। अबतक फिट आउट के सहारे ही सही घर का आधा अधूरा सपना तो पूरा हो रहा था वो भी अब अधर में लटक गया है। फिट आउट पजेशन का चलन एनजीटी के उस आदेश के बाद दिया गया था जिसमें कहा गया था.

अगर रेरा के प्रावधानों पर सख्ती दिखाते हुए अथॉरिटी सख्ती दिखाती है तो हो सकता है एनसीआर में नया हाहाकार मचे क्योंकि लाखों लोग फिर से अपने घरों को खरीदने के बावजूद उनके बाहर आ जाएंगे.