सरकार को 334 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला, बिल्डर जाएंगे जेल !

नई दिल्ली : फ्लैटों पर कब्जा देने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराने वाले बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है. डीएम बीएन सिंह ने बताया कि सरकार को राजस्व की क्षति पहंचाने वाले सात बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं. फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने से सरकार को 334 करोड़ 13 लाख रुपये के राजस्व की हानि हुई है. इसे डीएम ने गंभीर मामला मानते हुए सात बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है. इसके अलावा अभी कई बिल्डर रडार पर हैं. उनकी जांच की जा रही है.

सरकार ने रजिस्ट्री विभाग को 320 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया है. हालांकि विभाग लक्ष्य के काफी करीब है, लेकिन शहर के तमाम बिल्डर ऐसे हैं, जिन्होंने बायर्स को फ्लैटों पर कब्जा तो दे दिया, लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है. ऐसे फ्लैटों की संख्या 10 हजार 318 है. इन फ्लैटों की रजिस्ट्री न होने से सरकार को 334 करोड़ 13 लाख रुपये के राजस्व की हानि हुई है. इसे डीएम ने गंभीर मामला मानते हुए सात बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है. जिन बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं, उनमें आम्रपाली ग्रुप, डिवाइन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसोटेक, सेलिस्टे टावर, विक्ट्री क्रास रोड, मेसर्स मैन रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एजीएस अजनारा होम्स और एक्वायर गार्डेनिया एम्स गिलोरी शामिल हैं.

डीएम ने बताया कि फिलहाल बायर्स को कार्रवाई से बाहर रखा गया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री विभाग को तमाम बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स की जांच करने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.