देश का चुनाव आयोग झूठ बोलता है? EVM की गड़बड़ी साबित हुई, मोदी गड़बड़ी से पीएम बने?

नई दिल्ली : देश का चुनाव आयोग अगर झूठ बोलने लगे तो लोकतंत्र का भगवान ही मालिक है. महाराष्ट्र जिल परिषद के चुनाव में EVM की गड़बड़ी साबित हो गई है . बाकायदा डीएम ( कलैक्टर) ने आरटीआई के जवाब में माना है कि फरवरी में महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा में ज़िला परिषद चुनाव में लोनार के सुल्तानपुर गांव के एक पोलिंग स्टेशन पर EVM में गड़बड़ी सामने आई थी. इसके साथ ही चुनाव आयोग के माथे पर एक चस्पा कर दिया गया है कि चुनाव आयोग झूठा है.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आईएएनएस एजेंसी को बताया, ‘हर बार जब मतदाता ‘नारियल’ चुनाव चिह्न के सामने का बटन दबा रहे थे, तब कमल के फूल के निशान (भाजपा) के सामने की लाइट जल रही थी. इस बात को निर्वाचन अधिकारी ने ज़िला कलेक्टर को बताया. यह बात आरटीआई के जवाब में उनके द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में बताई गई है.’ जबकि चुनाव आयोग इस बात को गलत बता चुका है.

गलगली के अनुसार उन्होंने एक निर्दलीय मतदाता आशा अरुण जोरे की EVM गड़बड़ी की शिकायत के बाद 16 फरवरी को हुए इस चुनाव के बारे में निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट जानने के लिए जून महीने में एक आरटीआई दाखिल की थी.

गलगली ने बताया कि इस आरटीआई के जवाब में बताया गया है, ‘बुलढ़ाणा इलेक्शन डिपार्टमेंट की ओर से जवाब दिया गया कि लोनार शहर के सुल्तानपुर में 56 नंबर पोलिंग स्टेशन में जब मतदाता प्रत्याशी नंबर 1 के सामने नारियल चिह्न का बटन दबा रहे थे तब  प्रत्याशी संख्या 4 के कमल के फूल के निशान वाले बटन की लाइट जल रही थी, जिसका अर्थ था कि वोट 1 नंबर वाले की बजाय 4 नंबर वाले प्रत्याशी को गया है.’

हालांकि इस मसले को उस दिन सुबह दस बजे ही रिपोर्ट किया गया पर इस पर चुनाव अधिकारी द्वारा संज्ञान दोपहर में लिया गया. पर तब तक काफी संख्या में वोटिंग हो चुकी थी.

जानकारी लोनार क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी तक पहुंचने के बाद उन्होंने ख़ुद जाकर इस मशीन की जांच की और पाया कि पहला बटन दबाने पर चौथे बटन के सामने की लाइट जल रही है.

ज़िला कलेक्टर के पास कई और शिकायतें पहुंचने के बाद पोलिंग स्टेशन को बंद कर दिया गया और ख़राब EVM मशीन की जगह दूसरी EVM मशीन लगाई गई. आरटीआई में यह भी बताया गया है कि विभिन्न दलों की दोबारा चुनाव करवाने की मांग के चलते यह चुनाव रद्द कर दिया गया और 5 दिन बाद दोबारा चुनाव हुआ.

गलगली कहते हैं, ‘यह मामला साफ दिखाता है कि EVM फ्रॉड हो सकता है. यह बात पहले मतदाताओं ने बताई, बाद में जिसकी पुष्टि निर्वाचन अधिकारी सहित कई अन्य अधिकारियों ने भी की और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी.’

गौरतलब है कि चुनाव आयोग लगातार EVM मशीन में किसी भी तरह से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार करता रहा है. यहां तक कि आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को EVM हैक करके दिखाने की चुनौती भी दी जा चुकी है.

इस पर गलगली चुनाव आयोग को सलाह देते हुए कहते हैं, ‘भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए चुनाव आयोग को EVM के ऐसे विकल्प के बारे में सोचना चाहिए, जिससे छेड़छाड़ की कोई संभावना न हो.’