अगले कुछ दिन हरियाणा न ही जाएं तो अच्छा, फिर शुरू हो रहा है जाट आंदोलन, पिछली बार लूट और बलात्कार के हुए थे केस


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नई दिल्ली : अगर आप हरियाणा के रास्ते गुजरने वाले हैं या आने वाले दिनों में हरियाणा यात्रा पर जाने वाले हैं तो सलाह यही है कि कुछ दिन केलिए अपना कार्यक्रम टाल दें. कल से हरियाणा में फिर से जाट आंदोलन शुरू हो रहा है और इस बात की पूरी आशंका है कि वहां कानून व्यवस्था के हालात नाज़ुक होंगे.
कल 29 जनवरी से आरक्षण आंदोलन का एक और चरण शुरू होने जा रहा है इसके मद्देनजर रोहतक जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिले के कई हिस्सों में धारा 144 लगा दी है.
पिछले साल इसी तरह के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और व्यापक तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं.
इस हिंसा में रोहतक और सोनीपत-झज्जर सहित इसके कुछ पड़ोसी जिले बुरी तरह प्रभावित हुए थे. हरियाणा के मुरथल में हाइवे से गुजरने वाली महिलाओं को रोककर सामूहिक बलात्कार की रिपोर्ट भी मीडिया में आई थी. इतना ही नहीं लूटपाट के मामले भी बड़ी संख्या में आए थे.
एक अधिकारी ने बताया कि शहर में रेलवे स्टेशनों सहित राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों से करीब 500 मीटर की दूरी में पांच या उससे अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
हरियाणा में 7,000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग भी की गई है.
जाट आरक्षण के लिए होने वाले धरना को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने आरएएफ के साथ फ्लैग मार्च निकाला. फ्लैग मार्च एसएसपी शशांक आनन्द के निर्देशन और एएसपी लोकेन्द्र सिंह तथा आरएएफ कमांडर एस. एम. हबीब असगर की अगुवाई में किया गया.
पुलिस लाइन से आरएएफ के जवानों के साथ दोपहर डेढ़ बजे पुलिस लाइन से शुरू हुआ. यह फ्लैग मार्च रानी तालाब से होते हुए पटियाला चौक, ईक्कस, रामराये, राजपुरा, ईंटल के बाद ईक्सस बाईपास से रोहतक रोड़ होते हुए पुलिस लाइन पहुंचा.
एएसपी ने बताया कि केंद्र से आरएएफ की दो कम्पनियां आई हैं. एक कंपनी को सफीदों में तैनात किया गया है और एक कंपनी को जींद में. इसके अलावा जवानों को थाना क्षेत्र के अनुसार भी लगाया गया हैं. फ्लैग मार्च में आरएएफ और पुलिस के जवानों के साथ साथ महिला जवान भी थी.