जीएसटी एक कदम आगे बढ़ा, ढाबे में खाना सस्ता, बाकी सब महंगा


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नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के अमल में आने के बाद छोटे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में खाना सस्ता हो सकता है. शनिवार को GST काउंसिल की बैठक में GST कर प्रणाली से जुड़े दो अहम विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई. टैक्स में दो-तिहाई तक बचत हो सकती है. हर जगह टैक्स बढ़ने के बाद वैसे भी होटल में खाने का ही विकल्प बचेगा

दरअसल, GST काउंसिल ने 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों के लिए GST की दर 5 फीसदी तय करने को मंजूरी दे दी है.

किसी होटल या ढाबे में खाने पर आपको मौजूदा सर्विस टैक्स की तुलना में सिर्फ एक तिहाई ही GST देना होगा. हालांकि अभी सर्विस टैक्स की दर 15 फीसदी है. जो रेस्टोरेंट की बिल राशि के 40 फीसदी पर लगता है.

अगर किसी रेस्टोरेंट में 1,000 रुपये का बिल बनता है तो सर्विस टैक्स 60 रुपये बनता है. यदि इसी फॉर्मूले के मुताबिक 5 फीसदी GST लगा तो आपको 40 रुपये की बचत होगी.

क्योंकि जीएसटी की राशि 20 रुपये ही बनेगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी से जुड़े दो प्रमुख विधेयकों के अंतिम मसौदों को मंजूरी दी गई. इनमें सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी), इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयक शामिल हैं. वहीं, स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) और यूनियन टेरिटरी-जीएसटी (यूटी-जीएसटी) विधेयक के मसौदों को अंतिम रूप अगली बैठक में दिया जाएगा. काउंसिल की अगली बैठक 16 मार्च होगी

संसद में 9 मार्च को संसद में पेश होंगे विधेयक

सरकार सीGST, आईGST को संसद की मंजूरी के लिए मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश करेगी. जो 9 मार्च से शुरू होगा. सीGST केंद्र को एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स के GST में समाहित होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर GST लगाने का अधिकार देगा. आईGST अंतर-राज्यीय बिक्री पर लागू होगा.

किसान छोटे कारोबारियों को छूट

केंद्र और राज्यों ने किसानों को GST व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन से छूट देने का फैसला किया है. वहीं 20 लाख रुपये तक सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को GST के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा. इसके अलावा GST काउंसिल ने आयुक्त स्तर के अधिकारियों को करदाताओं को टैक्स किस्त में जमा कराने की छूट देने का भी अधिकार दिया है ताकि GST अदा करने वालों को वित्तीय समस्या से निपटने में राहत मिल सके.