रिपोर्ट: दिल्ली मेट्रो दुनिया में दूसरी सबसे महंगी, किराया बढ़ाने से मुसाफिर कम हुए

केजरीवाल ने कहा था कि मेट्रो का किराया मत बढ़ाओ, लेकिन केन्द्र ने बढ़ा दिया. अब हालात ये है कि मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे महंगी मेट्रो बन गई है. ये किसी और की नहीं सीएसई की रिपोर्ट है. सीएसई वही संस्था है जिसने कोक और पेप्सी में कीटनाशक होने का खुलासा किया था. हालत ये है कि औसत दिल्ली के मेट्रो मुसाफिर की आमदनी का 14 फीसदी सिर्फ किराये में खर्च होता है.

इससे ज्यादा खर्चा सिर्फ हनोई की मेट्रो में होता है. जोकि 25 फीसदी है. इनमें भी करीब तीस फीसदी मुसाफिर ऐसे हैं जिनकी आमदनी का साढ़े उन्नीस फीसदी पैसा मेट्रो में ही चला जाता है.

इतना ही नहीं सीएसई ने कहा है कि किराया बढ़ाने से फायदा मेट्रो को भी नहीं हो रहा क्योंकि उसके मुसाफिरों की संख्या 46 फीसदी गिर गई है. मेट्रो को लगता था कि उसे 2019 में साढ़े 39 लाख मुसाफिर मिलेंगे. लेकिन महंगे किराये के कारण मिल रहे हैं सिर्फ सत्ताईस लाख.

क्लीन एंड लो कार्बन मोबिलिटी पर एक कॉन्क्लेव में सीएसई की अनुमिता रॉयचौधुरी ने कहा कि 2017 में मेट्रो ने चैकाने वाले तरीके से 2017 में मेट्रो के दाम बढ़े इसके बाद सरकार की नीतियों पर जबरदस्त बहस हुई.

उन्होंने कहा कि क्या ये सही है कि कर्ज चुकाने और दूसरे कामों के लिए मेट्रो किराये से पैसे वसूल करे. इस पर नीति बननी चाहिए और मेट्रो को दूसरे माध्यमों से पैसा इकट्ठा करना चाहिए. यही पॉलिसी देश के सभी मेट्रो के लिए बननी चाहिए.

रॉय चौधुरी ने कहा कि मेट्रो के 2017 में मेट्रो किराये काफी थे . इनसे वो अपना पूरा खर्च निकाल सकती थी लेकिन फेय़र फिक्सेशन कमिटी ने भविष्य के खर्चों की बात कहकर बढ़ोतरी को सही ठहराने की कोशिश की.

जल्द ही जारी होने जा रही सीएसई की स्टडी के मुताबिक मेट्रो के 30 फीसदी यात्रियों का वेतन 20 हज़ार रुपये महीने है. किराया बढ़ने का मतलब है कि उनके वेतन का साढ़े उन्नीस फीसदी पैसा किराये में खर्च हो जाएगा.

मामले पर अपना पक्ष रखते हुए दिल्ली की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वर्षा जोशी ने रटा रटाया बयान दोहरा दिया. उन्होंने कहा कि अगर आप किराया नहीं बढ़ाएंगे तो क्वालिटी पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मेट्रो फीडर बसों की हालत खराब है क्योंकि उनका किराया बसों के अनुपात में नहीं बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि फीडर बसें भी उतनी ही आरामदेह होनी चाहिए थीं जितनी की मेट्रो है.

उन्होंने कहा कि मेट्रो का किराया अपने आप बढने के लिए एक सिस्टम बनना चाहिए ताकि राजनीति बीच में न आए.

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