इस बड़े कालाकार ने की पद्मावत को टैक्सफ्री करने की मांग, मोदी ने किया था पद्मभूषण से सम्मानित

भोपाल : संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध लगाने के लिए कुछ राज्यों में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुप्रसिद्ध मोहन वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट ने कहा है कि राजस्थान सरकार को फिल्म पद्मावत को कर मुक्त करना चाहिये, क्योंकि यह फिल्म राजस्थान की संस्कृति को बढ़ावा देती है. उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म में घूमर गीत से राजस्थान के लोकसंगीत को बढ़ावा मिलता है. विश्वमोहन भट्ट को पिछले ही साल मोदी सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया था.

मध्य प्रदेश की यात्रा पर आए भट्ट ने कहा, ‘कम से कम राजस्थान सरकार को इस फिल्म को कर मुक्त करना चाहिए, क्योंकि यह संस्कृति विशेषकर राजस्थान की संस्कृति को विश्वस्तर पर बढ़ावा देती है. जिस घूमर गीत पर विवाद हो रहा है, वह राजस्थान का लोकसंगीत को बढ़ावा देता है. ईमानदारी से कहूं, तो मैंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन मुझे इसके निर्देशक संजय लीला भंसाली पर पूरा विश्वास है. मैं उन्हें अच्छे से जानता हूं, उनका काम शानदार है और वह अपना काम पूरी जवाबदारी से करते हैं.’

भट्ट ने कहा कि भंसाली एक अच्छे निर्देशक हैं, इसके साथ ही विचारक भी हैं और उनका मानना है कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं होगा.

उन्होंने कहा, ‘वास्तव में फिल्म से राजस्थान और इसके शानदार राजमहलों को समूची दुनिया में अच्छा प्रचार मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि जो इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं उन्हें पहले यह फिल्म देखनी चाहिए, उसके बाद प्रतिक्रिया देनी चाहिए.

गौरतलब है कि इतिहास पर बनी यह फिल्म विवादों में फंस गई है. करणी सेना इस फिल्म की रिलीज का विरोध कर रही है. उसका आरोप है कि फिल्म में इतिहास के तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है और यह राजपूत समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.

करणी सेना के सदस्यों ने पिछले साल इस फिल्म की शूटिंग के दौरान जयपुर और कोल्हापुर में सेट पर तोड़-फोड़ की थी और भंसाली के साथ दुर्व्यवहार किया था.

फिल्म पद्मावत पर चार राज्यों में लगे प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने बीते 18 जनवरी को हटा दिया था. हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान सरकार ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके खिलाफ फिल्म के निर्माता वायाकॉम 18 ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी लगाई थी.

यह फिल्म 13वीं सदी में मेवाड़ के महाराजा रतन सिंह और उनकी सेना तथा दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है. इस फिल्म के सेट पर दो बार जयपुर और कोल्हापुर में तोड़फोड़ की गई और इसके निदेशक संजय लीला भंसाली के साथ करणी सेना के लोगों ने हाथापाई भी की थी.