रेप किया, हत्या की, लाश से फिर रेप किया, ट्रेन की सुरक्षा का ये है हाल

असम की दो ट्रेनों में दो महिलाओं से कथित बलात्कार और उनकी हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी विकास दास को 12 जुलाई को शाम तिनसुकिया रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया जबकि उसके साथी विपिन पांडे को 13 जुलाई को तड़के बानीपुर स्टेशन पर डिब्रूगढ़-बेंगलुरु एक्सप्रेस से पकडा गया. पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने चौकाने वाले खुलासे किये हैं.

 

पुलिस अधिकारी ने कहा कि “आरोपियों के अनुसार, पीड़ितों को पहले बेहोश किया गया, इसके बाद उनसे दुष्कर्म किया और हत्या कर दी गई. उनके शवों को शौचालयों में फेंक दिया गया.” दूसरे आरोपी विपिन पांडे ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या के बाद भी लाशों के साथ सेक्स किया था. पुलिस इस मामले में आरोपियों से और भी जानकारी इकट्ठा कर रही है.

 

बता दें कि 10 जुलाई को 19 साल की एक लड़की लाश डिब्रूगढ़-रंगजिशा एक्सप्रेस के एक टॉयलेट में मिली थी. उस वक्त ट्रेन सिवसागर जिले के सिमलागुड़ी रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी. इसके 30 घंटे बाद ही अवध असम एक्सप्रेस के टॉयलेट में भी एक लड़की की लाश पाई गई थी. उस वक्त ट्रेन मैरिनी जंक्शन पर थी. दोनों की हत्या एक ही तरीके से की गई थी और दोनों से कथित रूप से बलात्कार भी हुआ था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने बिकास दास को तिनसुकिया रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में देखने के बाद चिरिंग चापोरी इलाके से गिरफ्तार किया.” बिकास दास ने अपराध में अपने शामिल होने की बात कबूली और पांडेय की जानकारी दी, जिसे डिब्रूगढ़ स्टेशन से बेंगलुरू जाने वाली ट्रेन से गिरफ्तार किया गया.

 

इस बीच रेल अधिकारियों और प्रदेश पुलिस ने ट्रेन यात्रा सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाए हैं. असम के पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने बताया कि राज्य पुलिस, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे और रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बैठक की और ट्रेनों तथा स्टेशनों में सुरक्षा बढ़ाने का संयुक्त रूप से फैसला किया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय में एक बैठक हुई.

 

हमने रेल यात्रा सुरक्षित बनाने के लिए राज्य भर में स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह भी फैसला किया गया है कि प्लेटफार्मों पर अनधिकृत विक्रेताओं और लोगों के प्रवेश पर तत्काल रोक लगायी जाएगी. दिव्यांगों के डिब्बों को सुरक्षित बनाया जाएगा तथा उनमें अन्य लोगों के प्रवेश करने पर रोक लगायी जाएगी.

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