दैनिक भास्कर ग्रुप की घटिया हरकत? बड़ी संख्या में मीडिया कर्मियों से विश्वासघात

नई दिल्ली :  दुनिया भर को नैतिकता का ज्ञान देने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप ने मीडिया कर्मियों के साथ बहत बड़ा विश्वासघात किया है. ये धोखा कानूनन तो धोखा नहीं है लेकिन नैतिक रूप से बेहद घटिया हरकत है. समूह ने पहले नए प्रोजेक्ट लांच करन के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों को भर्ती किया. उसके बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. ये लोग अपनी पुरानी नौकरियां छोड़कर यहां आए थे. समाचार 4 मीडिया के मुताबिक समूह ने कई ऐसे एम्पलॉइज को पिंक स्लिप थमाई गई है, जिन्होंने कुछ महीने पहले ही ग्रुप जॉइन किया है. उच्च स्तरीय स्रोतों ने बताया कि कंपनी ने उन लोगों को नोटिस दिया गया है, जिनकी नियुक्तियां बीते तीन से चार महीनें के दौरान की गई थीं.

इस फैसले से कई प्रोजेक्ट्स के कई अन्य विभागों में कार्यरत मीडियाकर्मियो को एचआर ने फरमान सुना दिया है. इसमें एडिटोरियल, फीचर, एसईओ समेत कई विभाग के एम्पलाइज शामिल है. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि जिस प्लान के तहत यह नियुक्तियां की गई थीं, उस प्लान पर फिलहाल कॉस्ट कटिंग की कैंची चली है, इसीलिए तीन से चार महीने में हुई नई नियुक्तियों पर इसकी गाज गिरी है.

आप कल्पना कर सकते हैं कि किस तरह लोग अपनी पुरानी जमी जमाई नौकरियां छोड़कर यहां काम करने आए थे. उन्होंने सोचा होगा कि बड़ा ब्रांड है बड़ा ग्रुप है लेकिन इस हरकत के बाद उनका क्या हुआ होगा. जो नौकरियां दे रहे थे चार महीने में ही नौकरियों की तलाश में लग गए.

गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने दिल्ली-एनसीआर में अपने को मजबूत करने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू करने की प्लानिंग की थी. ऐसे में इन प्रोजेक्ट्स में काम करने के लिए कई मीडिया कंपनियों में कार्यरत लोगों को बढ़िया पैकेज पर भास्कर ग्रुप जॉइन किया था.

पर अचानक जिस तरह इन लोगों को एक महीने का नोटिस थमाया गया है, उसके बाद मीडिया गलियारों में इसी बात की चर्चा हो रही है. नोटिस मिलने के बाद अब पीड़ित कई और मीडिया संस्थानों के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि उनकी रोजी-रोटी चलती रहे.

समाचार फॉर  मीडिया ने हालांकि भास्कर का कोई पक्ष नहीं छापा है लेकिन ये बेहद दुखद है और इससे दैनिक भास्कर ग्रुप की साख जॉब मार्केट में अच्छी खासी गिरने वाली है.