दिल्ली में एक छह ‘माताओं’ की मौत, ‘मां’ के नाम पर लेते थे मोटा चंदा

नई दिल्ली : गाय को लेकर राजनीति जितनी तेज़ हो रही है उतना ही गाय के नाम पर धंधा तेज़ हो रहा है. नयी नयी गौशालाएं खुल रही हैं और उनके नाम पर मोटा चंदा हड़पा जा रहा है. अब राजधानी में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है. एक इलाके में ट्रस्ट के जरिए चलने वाली गौशाला की 36 गायों की एक साथ मौत हो गई.

द्वारका डिस्ट्रिक्ट के छावला थाना इलाके के घुम्मनहेड़ा गांव में स्थित एक बड़ी गौशाला में 36 गायों के मरने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. गांव वालों ने बताया कि यहां पर तकरीबन 2000 गायों को रखा जाता है, लेकिन उनके खान-पान रख-रखाव और स्वास्थ्य के बारे में कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता. इसी वजह से यहां पर गाय बीमार होकर दम तोड़ रही है.

MCD से मिलता है डोनेशन

जानकारी के अनुसार इस गौशाला के पास जबरदस्त संपत्ति है लगभग 9 एकड़ में 8 बाउंड्री है और करीब 20 एकड़ की जमीन पर गौशाला बनी हुई है. जिसको को एक ट्रस्ट चला रहा है. लोग कहते हैं कि इस गोशाला के लिए एमसीडी से काफी डोनेशन भी मिलता है. लेकिन जिन गायों के नाम पर ये सब चल रहा है उनकी हालत बुरी है.

बीमारी हो सकती है मौत की वजह

इस बारे में डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस के मुताबिक गुम्मनहेड़ा इलाके के छावला में कुल 36 गायों की मौत हुई है. ये सारी गायें आचार्य सुशील गौशाला की थी. शुरुआती तौर पर लग रहा है सभी गायों की मौत बीमारी की वजह से हो सकती है. गौशाला के आस-पास भी पानी भरा हुआ था. मौके पर पुलिस टीम और वैटनरी विभाग के लोग मौजूद हैं. मामले में जो भी लापरवाही पाई जाएगी पुलिस उसकी जांच कर कार्रवाई करेगी.

 

गौशाला दिल्ली सरकार के अधीन

वहीं साउथ एमसीडी का कहना है कि जहां गायों की मौत हुई है वो गौशाला दिल्ली सरकार के अधीन है. हम केवल आवारा/बीमार गायों को ठेकेदारों के जरिए वहां भिजवा देते हैं. गौशाला का प्रशासन, संचालन, रख-रखाव सब कुछ दिल्ली सरकार के अधीन है.

Leave a Reply