covid vaccine की किल्लत के पीछे कौन ?

how corona vaccine के crisis ka खेल खेल रही हैं अंतर्राष्ट्रीय शक्तियां. गरीब देशों के लोगों के जीवन से खिलवाड़ About Girijesh Vashistha of Knocking News (नॉकिंग न्यूज़): Girijesh Vashistha is a senior journalist; he has worked with India Today group, Zee Network, Dainik Bhaskar, Dainik Jagran and sahara samay like Prominent News organizations for 34 years at Editor Level गिरिजेश वशिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार हैं. वो इन्डिया टुडे ग्रुप, दिल्ली आजतक, ज़ी, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, सहारा समय समेत अनेक महत्वपूर्ण समाचार संस्थानों में संपादक के स्तर पर जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं और पिछले 34 साल से लगातार सक्रिय हैं. यहां आपको मिलेगा Girijesh Vashistha Video from नॉकिंग न्यूज़ (Knocking News) For more videos, subscribe to our channel: https://www.youtube.com/c/KNOCKINGNEWS Check out the KnockingNews website for more news: https://www.KnockingNews.com/ To stay updated, Follow KnockingNews here: Facebook: https://www.facebook.com/KnockingNews/ Twitter: https://twitter.com/KnockingNews Instagram: https://www.instagram.com/KnockingNews/… Telegram: https://t.me/KNLive 6 करोड़ डोज दान करेगा एस्ट्रा जैनिका के जिसे मंजूरी नहीं मिली है. अमेरिका के पास अथाह वैक्सीन है मियामी के अस्पताल की स्टोरी डब्लू एचओ कहता है कि सिर्फ 1 फीसदी वैक्सीन गरीब देशों को पहुंच रही है. टाइम्स ऑफ इन्डिया की बीस अप्रेलै की रिपोर्ट 24 अप्रैल का लेख है अमेरिका अपने पास वैक्सीन भरे जा रहा है. यहां तक की छह करोड डोज एस्ट्राजैनिका के भी है जिसे उसने अब तक मान्यता नहीं दी है. ये लेख वर्ल्ड बैंक के ब्लॉग से लिआ गया है. कहा जा रहा है कि गरीब देश सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं कोरना की ये हाल तब है जब जनवरी में ही डब्लूएचओ चेतावनी देता है कि अमीर दश वैक्सीन पर कब्जा करने की कोशिश न करें ये जून की दो तारीख की रिपोर्ट है कि आज भी ये देश वैक्सीन भरे जा रहे हैं ये रिपोर्ट वाल स्ट्रीट जनरल की है. 2023 तक के लिे वैक्सीन भर कर रख ली है. साफ लिखा है कि इससे गरीब और अमीर देशों की खाई और बढ़ेगी सरकार पर दबाव बना रहे हैं. एस्ट्रा जैनिका ने अदार को नोटिस भेज दिया अंदर से विपक्ष दबाव बना रहा है, पहले टीके ऑर्डर क्यों नहीं गिए. बड़े बड़े पत्रकार प्राइम टाइम में बोल रहे हैं कि टीके खरीद लेने चाहिए ते. कोई ये नहीं कह रहा कि टीके काी अंधाधुंध खरीद क्यों की जाए नये नये विचार आ रहे हैं, रिसर्च आ रही हैं. एम्स हर्ड इन्युनिटी दबाव का नतीजा ये हैं. 3000 करोड़ रुपये पूना वाला को दे दिए गए. बायोलॉजिकल ई को टीके बनेन से पहले ही 30 करोड़ टीकों का ऑर्डर , पन्द्रह सौ करोड़ रुपये दिए भारत वैक्सीन की सप्लाई को धीमा करने की कोशिशकर रहा था तो उस पर दबाव आ रहा था इसके बावजूद हमारी सरकार को पाठपढ़ाया जा रहा है और वो रिकॉर्ड केस के बीच भी एक्सपोर्टन हीं रोक रही कोवैक्स क्या है. – कोवैक्स का काम है टीकाकरण को तेज करना और उसे ज्यादा से द्यादा लोगों तक पहुंचाना. एक संस्था जिसका हिस्सा है सरकारे, अतरर्राष्ट्रीय स्वास्थ्यसंस्थाएं प्राइवेट सैक्टर और बिल गेट जैसे समाज सेवी संगठन. इसका मकसद है पूरी दुनिया को ैक्सीन मिले भले ही देश गरीबो हो या अमीर. जैसे ही वैक्सीन उपलब्ध हों वो डिलीवर हों. इसके अलावा अर्थव्यवस्ताओं को दोबारा से उबरने में मदद करना

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