COVID VACCINE पर सरकार ने ऐसे आत्म निर्भर भारत को लगाया मौत का टीका, देश के पैर पर कुल्हाड़ी

The HLL Biotech Limited (HBL) in Chengalpattu district of Tamil Nadu, which has an integrated vaccine complex, can be used to effectively tackle the COVID-19 crisis. There has been continued pressure from the employees, trade unions, Left parties and their MPs to make the unit fully functional. Union Minister Harsh Vardhan had also visited the plant in January and assured that the plant would begin full operations after consulting Prime Minister Modi, but to no avail.
आज कोरोना की वैक्सीन के लिए केनद्र और राज्य की सरकारें लड़ रही है
दुनिया भर में वैक्सीन की तलाश की जा रही है
वैक्सीन कंपनियां लताड़ रही है
वैक्सीन का गैप कम किया जा रहा है
क्या आप जाते हैं कि सरकार ने अगर अदार पूनावाला के हितों वाला एक फैसला न लिया होता तो क्या होा

हर साल सौ करोड़ टीके हमारे पास अपनी जेब में होते
सीरण इन्स्टीट्यूट की 75 करोड़ कैपेसिटी से ये एक तिहाही ज्यादा क्षणता है

जिस सरकार ने सीरम इन्स्टीट्यूट को 3000 करोड़ रुपये दिए . उसी ने 300 करोड़ न देकर सौ करोड़ वैक्सीन साल में बनाने की क्षमता रखने वाली कंपनी को पंगु बना दिया और वो आज वैक्सीन की जगह सेनेटाइजर बना रही है.

आठ करोड़ वैक्सीन हर महीने बनाने की क्षमता है इस कंपनी की . नाम है भारत सरकार का इंटीग्रेटेड वैक्सीन कॉम्प्लेक्स
ये कॉम्प्लेक्स चेन्नई के पास चैंगलपट्टू में सालों से तायार खड़ा है इस प्लांट को यूपीए सरकार ने बनाया था और 594 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.इसे ‘राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट’ का दर्जा दिया था।
इसमें बीसीजी, हेपेटाइटिस, डायरिया, चेचक और रैबीज के टीके बनने थे।
सरकार ने वादा किया था कि बाहर से टीके खरीदने के बजाय देश के टीकाकरण के लिए 75% टीके यहां से खरीदे जाएंगे
फार्मा चंदा किस तरह से दे रहे थे

जैसा हर प्रोजेक्ट में होता है 2017-18 में 300 करोड़ रुपए अतिरिक्त की जरूरत थी।

नीति आयोग ने 2019 में प्रोजेक्ट को अलाभकारी बताया और इसके बाद केंद्र ने इसे हाशिए पर डाल दिया। ……

ऐसा नही है कि मोदी सरकार को याद नही रहा 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद मोदी सरकार को याद आई कि उनके पास भी चेन्नई में बल्क में टीका उत्पादन की क्षमता है ,

लेकिन सरकार इसे बेचने पर उतारू थी. लेकिन कॉर्पोरेट चाहता था कि कौड़ियों के मोल खरीद लिया जाए.
कॉर्एपोरेट कह रहा है कि टेंडर में असंभव टाइप की शर्तें डाली गई हैं.

अब भी सरकार कुछ पैसा दे दे

सरकार का काम कारोबार करना नहीं है बोलने वालो अब कोई करोा वैक्सीन के बगैर मारा जाए तो याद कर लेना कि बुद्धि को आगे रखना चाहिए.

About Girijesh Vashistha of Knocking News (नॉकिंग न्यूज़):
Girijesh Vashistha is a senior journalist; he has worked with India Today group, Zee Network, Dainik Bhaskar, Dainik Jagran and sahara samay like Prominent News organizations for 34 years at Editor Level

गिरिजेश वशिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार हैं. वो इन्डिया टुडे ग्रुप, दिल्ली आजतक, ज़ी, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, सहारा समय समेत अनेक महत्वपूर्ण समाचार संस्थानों में संपादक के स्तर पर जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं और पिछले 34 साल से लगातार सक्रिय हैं.
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