डॉ. कफील के खिलाफ झूठा कैंपेन , पढ़िए चरित्र हनन के संघी चरित्र का इतिहास?

नई दिल्ली : गोरखपुर के डॉक्टर कफील ने दम घुटने से मरने जा रहे बच्चों की जान बचाने वाले डॉक्टर कफील अब संघ और बीजेपी के सोशल मीडिया के निशाने पर हैं. कहा जा रहा है कि डॉक्टर कफील ने एक नर्स के साथ छेड़छाड़ की. उन पर प्राइवेट प्रेक्टिस करने और चुनाव में राजनीतिक ट्वीट करने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं. उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वो उस समय मरते बच्चों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करने में लगे थे जब सरकार और खुद सीएम योगी की लापरवाही बच्चों के लिए जानलेवा बन रही थी.

डॉक्टर कफील पहले नहीं हैं जो आरएसएस समर्थकों के चरित्र हनन अभियान के निशाने पर आए हैं. पिछले दिनों चंडीगढ़ में बीजेपी के एक विधायक के बेटे सुभाष बराला ने एक लड़की का पीछा किया , उसकी तस्वीरें निकालीं और उसे किडनैप करने की कोशिश की. इस मामले में लड़की ने बहादुरी दिखाई और नेता जी के पुत्र को पूरी राजनीतिक ताकत लगाकर भी बीजेपी नहीं बचा सकी. इसके बाद इस लड़की का चरित्र हनन शुरू हो गया. फोटोशॉप की गईं अनगिनत अश्लील तस्वीरें इस लड़की के खिलाफ सबूत के तौर पर सोशल मीडिया पर शेयर की जाने लगीं. ये चरित्र हनन और बदनाम करने के हथकंडे का सिर्फ एक और उदाहरण था.

आपको गुरमेहर कौर याद होगी. उस लडकी ने संघी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गुडागर्दी के खिलाफ फेसबुक पर एक वीडियो के ज़रिए आवाज़ उठाई थी. उसने कहा था कि कोई धर्म बुरा नहीं होता . इस लड़की के पिता कारगिल में शहीद हुए थे . शहीद की बेटी को भी चरित्र हनन से बख्शा नहीं गया. गुरमेहर के खिलाफ अश्लील तस्वीरें पोस्ट की गईँ. फर्जी वीडियो डाले गए. और तो और उसके जैसे कद काठी की एक दुबई की लड़की का वीडियो गुरमेहर के नाम से सोशल मीडिया पर डाल दिया गया.

सिर्फ इतना ही होता तो ठीक था. इतिहास चरित्र हनन की अनगिनत कहानियों से भरा पड़ा है.

  1. राहुल गांधी की शादी हो चुकी है और उनका परिवार विदेश में रहता है.
  2. गांधी जी ऐय्याश थे और अपनी शिष्याओं से अवैध संबंध रखते थे.
  3. पंडित नेहरू के लेडी माउंटबेटन से अश्लील संबंध थे.
  4. सुभाषचंत्र बोस जिंदा हैं – उनकी अस्थियां तक सुरक्षित हैं. जापान में दुर्घटना से ज़ुड़े सारे तथ्य मौजूद हैं.
  5. पंडित नेहरू मुसलमान हैं उनके पूर्वज मुस्लिम थे.
  6. फिरोजगांधी पारसी नहीं मुसलमान थे. जबकि उनका पूरा परिवार आज भी इलाहाबाद में मोजूद है लेकिन झूठ झूठ होता है.
  7. संघ भारत विभाजन के खिलाफ था. जबकि उसके विरोध तक करने का कोई प्रमाण नहीं मिलता
  8. गांधी जी ने भारत विभाजन करवाया. जबकि वो इसका सख्ती से विरोध करते रहे.
  9. भारत का इतिहास बदल दिया गया है. वामपंथियों ने सच को छिपा दिया.