कोरोना वैक्सीन का डरावना सच जिसे सरकार नहीं मान रही. can corona vaccine kill someone?

देश में अबतक साठ लोग मारे गए. पूरी दुनिया बत कर रही है कि वैक्सीन के बाद क्लॉट बन सकते हैं. हार्ट अटैक भी एक क्लॉट है. रिएक्टोजेनिक वैक्सीन हार्ट अटैक हुए हैं. तीन महीने में एक प्रति दिन के हिसाब से मौत हो रही है. प्रो इनफ्लेमेट्री प्रो थ्रॉम्बोसिस तो नहीं हूं इसके बाद यूरोप के 12 देशों ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

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सोमवार के दिन जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन ने भी अब इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. रमेश नांगरे एसीपी धारावी में 14 और पुलिस कर्मियों के साथ डटे रहे कोरोना हो गया उसके बावजूद धारावी को बचा लिया. डब्लूएचओ ने उनकी तारीफ की थी और उनका प्रमोशन भी किया गया था. इन्सपेक्टर से एसीपी बनाए गए थे टीका लगवाया और निधन हो गया मुरादाबाद में एक वार्ड बॉय की मौत हो गई थी. बाद में पोस्ट म़ॉर्टम हुआ नकार दिया गया कि वैक्सीन से नहीं हुई. हार्ट अटैक से हुई. महाराष्ट्र के भिवंडी में सुख देव की मौत हुई. वो नेतृ चिकित्सक का डॉक्टर था , सांस की तकलीफ थी. ड्राइवर था बीपी भी हाई था तेलंगाना के मंचिर्याल जिले में 55 वर्षीय एक आंगनवाड़ी शिक्षिका की एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी मौत का संबंध टीका लेने से जुड़ा नहीं है। उनकी मौत शनिवार को निजाम्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। उन्हें 19 जनवरी को टीके की खुराक दी गई थी। मंचिर्याल जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एम नीरजा ने बताया, वह उच्च रक्तचाप की मरीज थीं तथा फेफड़े की बीमारी से भी जूझ रही थीं। हरियाणा में वैक्सीन लगने के बाद बिगडती चली गई थी महिला की हालत, रोहतक पीजीआई की टीम ने जांच शुरू की। मौत के सही कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम करवाएगा स्वास्थ्य विभाग। नार्वे नॉर्वे में फाइजर वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद 23 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर लोग बुजुर्ग थे वहीं न्यूयार्क पोस्ट ने हेल्थ डिपार्टमेंट के हवाले से जानकारी दी है कि इनमें से 13 लोग ऐसे हैं जिनकी मौत वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की वजह से हुई. ये सभी नर्सिंग होम में भर्ती थे और इनकी उम्र कम से कम 80 साल थी.

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