गुजरात में बीजेपी को हार का एहसास हुआ, ये दो बातें दे रही हैं गवाही

नई दिल्ली : अब तक ये माना जा रहा था कि गुजरात में बीजेपी की कांटे की टक्कर है लेकिन हाल के घटनाक्रम का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण कहता है कि बीजेपी ने हार का एहसास कर लिया है. हम यहां दो घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं जिनसे आप महसूस कर सकते हैं. दरअसल दोनों ही मामलों में बीजेपी ने जो कदम उठाए हैं वो बेहद जोखिम भरे हैं. इसका नतीजा अच्चा और बुरा दोनों हो सकता है. लेकिन जब आपके पास खोने के लिए कुछ भी न हो तो आप कोई भी जोखिम लेने को तैयार हो जाते हैं. गुजरात में इन दोनों मामलों में यही हो रहा है. जाहिर बात है पार्टी की व्यग्रता साफ दिखाई दे रही है. जब बीजेपी ये काम करें तो समझ लें कि उसके पार केन्द्र और राज्य दोनों जगह की इंटेलीजेंस एजेंसियों के इनपुट हैं और वो उनके आधार पर जान चुकी है कि आखिरी जोखिम लेने के अलावा कोई रास्ता नही है.

पहली घटना –

हार्दिक पटेल की सैक्स सीडी के मामले मे वो महिला तो सामने नहीं आई लेकिन उसकी तरफ से राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम दिल्ली से भेज दी गई है. आयोग की अध्यक्ष ‘‘अध्यक्ष रेखा शर्मा की अगुवाई में एनसीडब्ल्यू की एक टीम उस लड़की से मिलने के लिए सूरत रवाना हो रही है ’’ एनसीडब्ल्यू ने खुद कहा है कि उस महिला ने कोई शिकायत नही की है लेकिन वह आयोग की सदस्यों से बात करना चाहती है. बयान में कहा गया है, ‘‘इस शिकायत में उस लड़की के बारे में निजी सूचनाएं हैं जो आयोग से गोपनीय तरीके से बात करना चाहती है क्योंकि उसे सामने आते हुए डर लग रहा है. आयोग की टीम उस लड़की से बात करेगी और मामले की गहन छानबीन करेगी, तत्पश्चात रेखा शर्मा मीडिया से बात करेंगी.’’

 

इसका मतलब साफ है कि महिला आयोग उस महिला के सहमति से हुए सैक्स को सार्वजनिक विमर्ष का मुद्दा बनाएगी.  गुजरात चुनाव के सिलसिले में कांग्रेस से हाथ मिला चुके पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक ने कहा है कि वीडियो में छेड़छाड़ की गयी है और यह भाजपा की ‘गंदी राजनीति’ है.

दूसरा मामला-

सीएम विजय रुपाणी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस कैंडिडेट इंद्रनील राजगुरु को गिरफ्तार कर लिया गया है. संसद सदस्य और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव राजीव सत्व भी गिरफ्तार किये गये हैं, इन लोगों के साथ मारपीट की गई है.बता दें कि इंद्रनील राजगुरु इस चुनाव के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं.

 

इधर इंद्रनील राजगुरु ने कहा है कि जिस कथित हिंसा के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था उसे बीजेपी ने अंजाम दिया है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके. बता दें गुजरात पुलिस ने कथित तौर पर सीएम विजय रुपाणी के निजी आवास के सामने अवैध तरीके से एक भीड़ का नेतृत्व करने के लिए इंद्रनील राजगुरु को गिरफ्तार किया था. इस घटना की शुरुआत शनिवार को रात 9.30 बजे हुई, जब राजकोट में रैया रोड के पास एक होर्डिंग लगाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस घटना में इंद्रनील राजगुरु के छोटे भाई दिव्यनील को चोट लग गई. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

ये है विश्लेषण

दरअसल दोनों ही मामलों में बीजेपी ने जो कदम उठाए हैं वो बेहद जोखिम भरे हैं. इसका नतीजा अच्चा और बुरा दोनों हो सकता है. लेकिन जब आपके पास खोने के लिए कुछ भी न हो तो आप कोई भी जोखिम लेने को तैयार हो जाते हैं.