जब दिल्ली घुट रही थी दिल्ली के सांसद पटाखे चलाकर प्रदूषण फैला रहे थे

रविवार को जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा था और हालात इतिहास के सबसे खराब थे. तब जबकि दिल्ली के प्रदूषण को दूर करने के लिए दिल्ली की सरकार पूरी रात जाग रही थी. तब जबकि पंजाब हरियाणआ की सरकारे परशान थी तब जबकि दिल्ली में मेट्रो ने अपना कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया था. उस दिन जब दिल्ली के थर्मल पावर बिजली घर बंद करने का एलान कर दिया गया था और स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई थीं तब दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी आतिशबाज़ी करके प्रदूषण फैला रहे थे . वो ही नहीं उनके लाखों पसंद करने वाले और सहयोगियों ने उनसे प्रेरणा ली और रविवार की शाम छठ पूजा के दौरान जमकर आतिशबाज़ी की . सोमवार सुबह 3 बजे से ही आतिशबाज़ी शुरू हो गई और सुबह 6 बजे के बाद तक चली .

ये तब हो रहा था जब दिल्ली में रविवार को प्रदूषण स्तर सामान्य से न सिर्फ 17 गुना ज्यादा खतरनाक पाया गया बल्कि कई जगहों पर प्रदूषण मापने वाले यंत्र भी फेल हो गए। लोग बेहद परेशान हैं, सड़क पर चलना मुश्किल था। विकट हालात के चलते दिल्ली सरकार ने स्कूल तीन दिन तक बंद कर दिए गए थे.

बढ़ती धुंध की वजह से सांस की तकलीफ, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की तादाद 15 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई थी

विशेषज्ञों की मानें तो नवंबर में इतने लंबे वक्त तक प्रदूषण का स्तर इस पैमाने पर ऊंचा पहले कभी नहीं रहा। रविवार को अब तक का सबसे खतरनाक स्तर दर्ज किया गया। हालात से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कई आपातकालीन कदम उठाए हैं। ऑड ईवन को दोबारा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कैबिनेट की बैठक में माना कि दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है। फरीदाबाद व गुरुग्राम की भी कमोबेश यही स्थिति रही।

दूसरी तरफ सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फॉर कास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के सभी मॉनीटरिंग स्टेशनों पर पीएम के आंकड़े 500 को पार कर गए। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की अनुमिता राय चौधरी बताती हैं कि पहले भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा है, लेकिन एक-दो दिन में आबोहवा सुधर जाती थी। इस बार एक हफ्ते से प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।