बीजेपी ने कश्मीर में बनाया इतिहास, वो भी बिना EVM के

जम्मू: विधान परिषद की दो सीटों के लिए सोमवार को हुए मतदान में बीजेपी ने छह सीटों में से तीन पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है. पीडीपी, कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस को एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. बीजेपी व पीडीपी के उम्मीदवार को 29-29 वोट मिले. इसके बाद लाटरी निकालकर फैसला हुआ और सीट बीजेपी की झोली में आई. अब अपने तीन एमएलसी बनाने के साथ ही बीजेपी 11 सदस्यों के साथ विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई. दूसरी सीट कांग्रेस ने जीती और सत्ताधारी पीडीपी को हार का सामना करना पड़ा.

चार सीटों का फैसला निर्विरोध हो गया था. पीडीपी के 10 एमएलसी हैं. नए सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होगा. दो सीटों के लिए शाम चार बजे तक चली वोटिंग में कांग्रेस ने अपने 12, नेशनल कांफ्रेंस के 15 व पीडीएफ के हकीम यासीन, सीपीएम के मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, निर्दलीय इंजीनियर रशीद व पवन गुप्ता के वोट लेकर पहली सीट सीधे 31 वोटों से जीत ली.

बची एक अन्य सीट के लिए पीडीपी अपने 30 व बीजेपी 28 वोट मान रही थी. मतदान के दौरान पीडीपी के कोटे से मंत्री न बनने के बाद नाराज सैयद मुहम्मद बकीर रिजवी ने अपना वोट पीडीपी को देने के बजाए बीजेपी को देकर मुकाबला 29-29 से बराबर कर दिया. इसके बाद रिटर्निग अधिकारी मुहम्मद रमजान ने लाटरी से जीत का फैसला करने का निर्णय लिया. इसमें किस्मत ने बीजेपी का साथ दिया और पर्ची में विक्रम रंधावा का नाम आया और वह चुनाव जीत गए. लगातार दो साल तक विधान परिषद व राज्यसभा के चुनाव में पीडीपी को वोट देने वाले रिजवी चंद दिन पहले ही पीडीपी से नाराजगी का इजहार करते हुए गठबंधन से अलग हो गए थे.

बीजेपी : पुंछ से प्रदीप शर्मा, जम्मू से विक्रम रंधावा, कश्मीर से जीएल रैना, कांग्रेस : जम्मू से बलवीर सिंह, पीडीपी : कश्मीर से यासिर रेशी, नेकां : कश्मीर से आगा सईद महमूद  चुनाव जीतने वाले नेता हैं.