बीजेपी का नेता करता था ISI के लिए जासूसी, 11 एजेंटों में एक भी मुसलमान नहीं


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भोपाल: भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल का एक मेंबर पाकिस्तानी जासूसी संस्था आईएसआई का एजेंट पाया गया है. ATS ने 11 लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा है. इनमें से ध्रुव सक्सेना नाम का ये शख्स भी है. ध्रुव ने फेसबुक पर सीएम शिवराज सिंह और भोपाल के मेयर सहित कई बीजेपी नेताओं के साथ अपने फोटो शेयर किए हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश एटीएस ने आईएसआई एजेंटों के एक नेटवर्क को पकड़ा है. आरोपियों से तीन हजार से ज्यादा सिम कार्ड, 50 मोबाइल फोन, 35 सिम बॉक्स जब्त किए गए हैं. इनसे पूछताछ जारी है. . शुक्रवार को पुलिस ध्रुव के न्यू मिनाल स्थित घर पहुंची. वहां ताला लगा था. टीम दरवाजा तोड़कर दर गई. वहां से कई चीजें जब्त की गई हैं. ध्रुव ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में सीएम और मेयर सहित कई बड़े नेताओं के साथ अपने फोटो शेयर किए हैं. बड़े नेताओं के बर्थडे पर ध्रुव उन्हें बधाई देने वाले पोस्टर-बैनर भी लगवाता था.
उधर बीजेपी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अंशुल तिवारी ने कहा- ध्रुव हमारे मेंबर नहीं है. आईटी सेल में उसकी मदद जरूर ली गई है. कांग्रेस के स्टेट चीफ अरुण यादव ने मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है.
बलराम है सरगना. एजेंटों का सरगना बलराम है. वो सतना का रहने वाला है और हर हाल में पैसा कमाने की प्लानिंग करता रहता था. इसी बीच वह ISI के टच में आया.. दुबई में उसने ISI से ट्रेनिंग ली. भारत आकर नेटवर्क फैलाया. बताया जाता है कि उसने हवाला का सहारा भी लिया. बलराम सिर्फ 10th पास है. पैसा कमाने के लिए वो साइबर फ्रॉड, लॉटरी और ठगी जैसे काम करने लगा.. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से लेकर देशभर में उसने 100 से ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवा रखे थे.

एक भी मुसलमान नहीं निकला गद्दार
खास बात ये है कि पाकिस्तान केलिए काम करने वाले इन लोगों में से एक भी मुसलमान नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बाकायदा ट्वीट कर बीजेपी पर तंज किया और कहा कि धर्म के नजरिए से देशभक्ति को देखना बंद करें.
ATS ने प्रदेश के 11 जासूसों को हिरासत में लिया है. इनमें ग्वालियर से 5, भोपाल से 3, जबलपुर से 2 और सतना से 1 व्यक्ति शामिल हैं. इनमें से छह को गुरुवार की देर शाम भोपाल कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है.
एक आरोपी ग्वालियर से भाजपा पार्षद का रिश्तेदार है. आरोपियों से तीन हजार से ज्यादा सिम कार्ड, 50 मोबाइल फोन, 35 सिम बॉक्स जब्त हुए हैं. -इसके अलावा फर्जी नाम पते पर खोले गए सैंकड़ों बैंक खातों की भी जानकारी मिली है. प्रदेश में आईएसआई के नेटवर्क के खिलाफ की गई ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.

एटीएस आईजी संजीव शमी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा से सतविंदर सिंह और दादू नामक दो आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी.
इन्होंने कबूल किया था कि मध्य प्रदेश से इन्हें सेना से जुड़ी तमाम जानकारियां और मदद मिला करती थीं. इसके लिए इन्हें मोटी रकम दी जाती थी, जो सतना में रहने वाले बलराम के खाते में पाकिस्तानी हेंडलर्स ट्रांसफर करते थे.
सतविंदर पाकिस्तानी हैंडलर्स के कहने पर सैन्य सूचनाएं जुटाता था. पुल, सेना के कैंप की फोटो खुफिया तरीके से लेता था. इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों के मूवमेंट और वाहनों की जानकारी भी जुटाई जा रही थी. बलराम ने अलग-अलग बैंकों में खाते खोल रखे थे.