बीजेपी ने कर्नाटक में अपनाया डेंजर गेम, क्या इस बार काम करेगा खौफ का फॉर्मूला

नई दिल्ली : कर्नाटक में चुनाव आने वाले हैं. इसके साथ ही बीजेपी के नेताओं की धर्म के नाम पर झगड़ा कराने की पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. एक के बाद एक ऐसे बयान आ रहे हैं जिनसे समाज में बंटवारा हो. ताजा बयान बीजेपी एमएलए सुनील कुमार का है. उन्होंने कह दिया है कि कि आने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ाई राम और अल्लाह के बीच हैं. इसके बाद उनकी निंदा शुरू हो जाएगी. मामला बढ़ेगा जब आपसी तनाव बढ़ाने वाला काम कम हो जाएगा. उसके बाद बीजेपी की तरफसे कोई उनके बयान को गलत बता देगा.

सुनील कुमार साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील तटीय कर्नाटक के करकाला से विधायक हैं. सुनील कुमार ने दक्षिण कन्नड जिले के बंटवाल में आयोजित एक रैली में बोल रहे थे. बंटवाल में उन्होंने कहा कि यहां के मौजूदा विधायक रामनाथ राय हमेशा कहते हैं कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के समर्थन से सत्ता हासिल की है. न्यूज 18 के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘बंटवाल किसे चाहता है, ये लड़ाई बीजेपी के राजेश नायक और रामनाथ राय के बीच नहीं है , ये लड़ाई अल्लाह और राम के बीच है.’ उनके इस बयान के बाद लोगों ने खूब तालियां बजाई. टीवी 9 के मुताबिक बीजेपी नेता ने कहा कि लोगों को एक फैसला लेना पड़ेगा, क्या हम लोग बार-बार अल्लाह को वोट देंगे या फिर उन्हें जो भगवान राम से प्यार करते हैं, बंटवाल में चुनाव का मुद्दा यही है.’

सुनील कुमार ने इस मामले को अस्मिता से जुड़ा बताया और कहा, ‘हम वैसे शख्स को नहीं चुन सकते हैं कि जो कहता है कि उसे हिन्दू वोटों की परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसके बारे में सिर्फ बंटवाल में चर्चा होनी चाहिए, बल्कि ये पूरे मंगलौर का अहम मुद्दा है. कांग्रेस नेता रामनाथ राय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से भाजपा की शिकायत करेंगे. रामनाथ राय के मुताबिक बीजेपी चुनाव में धर्म का इस्तेमाल कर रही है.

बता दें कि 224 सदस्यों की क्षमता वाली कर्नाटक विधानसभा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबर्दस्त जुबानी जंग चल रही है. कर्नाटक कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये एक वीडियो जारी कर बीजेपी को बीफ जनता पार्टी बताया था. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच ट्विटर वार हो चुका है. सिद्धरमैया ने उत्तर प्रदेश में बच्चों की मौत पर यूपी के सीएम पर तंज कसा था तो योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा था.