माल्या पिछले दरवाजे से कर रहा है बीजेपी की मदद?

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी पर जवाबी हमले करने के लिए बीजेपी विजय माल्या से भी मदद ले रही है. सूत्रों के मुताबिक विजय माल्या आईडीबीआई के चेयरमेन की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बार बार किंगफिशर मामले को उठाने से नाराज़ है. जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के दबाव के कारण ही माल्या को मामला सैटल करने में दिक्कत आ रही है. सूत्रों के मुताबिक माल्या ने मध्यस्थों के माध्यम से कुछ कागजात बीजेपी तक पहुंचाए हैं जिनसे कांग्रेस को घेरा जा सके.

माल्या का मानना है कि कांग्रेस के हमलो के कारण ही उन्हें बाहर भागना पड़ा और अब इतने दिन बीत जाने के कारण भी हालात सामान्य नहीं हो पा  रहे हैं.

इस बीच आज  भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर की बड़े आरोप लगाए.  पार्टी ने आरोप लगाया है कि शराब कारोबारी विजय माल्या को कांग्रेस सरकार ने लोन दिया. भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को कहा माल्या को पहली बार 2004 और फिर 2008 में लोन दिया गया.

जबकि उन्हें नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर दिया गया था. बता दें कि कुछ दिन पहले एक मीडिया रिपोर्ट में विजय माल्या के तब के पीएम मनमोहन सिंह और फाइनेंस मिनिस्टर चिदंबरम को लिखे पत्र भी सामने आए थे. कांग्रेस ने फिलहाल, इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है. हालांकि पार्टी से जुड़े लोग इन आरोपों में नया कुछ नहीं मानते उनका कहना है कि लोन देने की बात से कभी किसी ने इनकार नहीं किया और लोन देने में कुछ गलत भी नहीं है लेकिन अगर कोई डिफॉल्टर सरकार में बैठे लोगों की मदद लेकर भाग जाए तो गंभीर बात है.

सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पात्रा ने कहा कि दो बार माल्या को लोन दिया गया. पहले 2004 और फिर 2008 में. इतना ही नहीं 2010 में उनके लोन को रिस्ट्रक्चर भी किया गया. बता दें कि इस दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी. मनमोहन पीएम और चिदंबरम फाइनेंस मिनिस्टर थे.

माल्या ने लिखा था कि बैंक कंजोर्शियम से उन्हें 60 दिन के लिए कर्ज दिलाया जाए ताकि एयरलाइंस की ईंधन सप्लाइ बंद ना हो. रिपोर्ट के मुताबिक, माल्या को पत्र 21 मार्च 2013 को जबकि मनमोहन को 4 अक्टूबर 2011 को ये पत्र भेजे गए. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि माल्या ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बड़े अफसरों से भी मदद मांगी थी लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.

अब भारतीय जनता पार्टी इन्हीं लेटर्स के आधार पर पर आरोप लगा रही है कि मनमोहन और चिदंबरम ने माल्या की मदद की. भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि कांग्रेस अब एक्सपोज हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक विजय माल्या उस समय लगातार पीएमओ के संपर्क में थे. 2010 से 2013 के कई ईमेल पीएमओ ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को फॉरवर्ड कर दिए थे. किंगफिशर पर लगे थे ये आरोप पिछले दिनों 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में सीबीआई ने किंगफिशर एयरलाइंस पर कई आरोप लगाए हैं.

आरोप है कि एयरलाइन ने आईडीबीआई की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया. एजेंसी ने ये भी कहा कि आईडीबीआई ने कंपनी को रविवार के दिन लोन दिया था, जो कि आरबीआई के नियमों के खिलाफ है.

इस मामले में आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल सहित 9 लोगों को हाल में गिरफ्तार किया गया था. माल्या ने कुछ दिनों पहले किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के लिए सरकार की पॉलिसीज और उस दौर की इकोनॉमिक कंडीशंस को जिम्मेदार ठहराया था. माल्या ने कहा था कि जनता के पैसे से सरकार के स्वामित्व वाली एयर इंडिया को बेलआउट दिया गया, लेकिन ‘सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन’ को ऐसे ही छोड़ दिया गया. माल्या ने अपने बचाव में कई ट्वीट किए थे.

माल्या ने ‘जनता का पैसा एयर इंडिया को दिए जाने’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्होंने पॉलिसी में बदलाव से संबंधित मदद मांगी थी. माल्या ने सीबीआई और सेबी से ये भी कहा कि उन्हें बताना होगा कि उनपर किस आधार पर आरोप लगाए गए.