खतरनाक मोड पर आम आदमी पार्टी, लेफ्ट और राइट की अंदरूनी जंग शुरू

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी में अब असली जंग शुरू हो गई है. ये जंग है लैफ्ट और राइट की जंग.  पार्टी के दक्षिणपंथी धडे ने खुलकर केजरीवाल के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी है. विवाद की शुरुआत कुमार विश्वास ने की . उन्होंने काफी संकोच के साथ केजरीवाल पर हमला किया संदेश साफ था कि पार्टी ने करप्शन पर अपने मंत्रियों को बचाकर ठीक नहीं किया इसलिए हारे. कुमार विश्वास ने ईवीएम मसले पर आवाज़ उठाने पर भी घुमा फिराकर एतराज जताया. पार्टी के दूसरे मंत्री कपिल मिश्रा भी शुंग्लू कमेटी पर मंथन की बात कर रहे हैं. शुंग्लू कमेटी की रिपोर्ट में सीधे केजरीवाल पर आरोप हैं.

कुमार विश्वास का इतिहास और वर्तमान दक्षिण पंथी है. वो मोदी के खिलाफ करीब करीब चारणों वाली कविताएं करते रहे हैं. विधायक अमानतुल्ला खां का आरोप है कि कुमार पार्टी में फूट डालने के लिए ऐसा कर रहे हैं. न्यूज़ चैनल ‘आज तक’ से बातचीत में कुमार विश्वास ने कहा था कि AAP कांग्रेस होती जा रही है.

उधर दक्षिण पंथी परिवार से आए और बीजेपी की पूर्व महापौर अन्नपूर्णा मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने भी इसी मौके को पार्टी नेतृत्व पर हमला करने के लिए चुना है. कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास से पंजाब, दिल्ली में प्रचार नहीं कराने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दोनों जगह पार्टी की हार हुई, इसकी भी समीक्षा होगी. मंत्री ने भरोसा दिया कि आम आदमी पार्टी में बड़ा बदलाव होना सुनिश्चत है. उन्होंने पार्टी में टूट की बात से साफ इनकार कर दिया.

कपिल की मानें तो कुमार विश्वास ने ये बयान गुस्से में दिया है, क्योंकि AAP की विचारधारा एंटी बीजेपी और कांग्रेस है. कपिल मिश्रा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर केजरीवाल ने सही सवाल उठाया था. नरेंद्र मोदी के खिलाफ देश मे हिम्मत करके सिर्फ आम आदमी पार्टी बोल सकती है, और हम आगे भी बोलते रहेंगे. आमूल-चूल परिवर्तन होगा, क्योंकि सभी विधायक, मंत्री, कार्यकर्ता ये चाहते हैं. जो बार-बार हार के लिए ज़िम्मेदार रहे हैं उन्हें घर में बैठना चाहिए’. मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि हार की सभी पहलुओं की समीक्षा होगी. साथ ही शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर पार्टी में मंथन ज़रूर होना चाहिए.

केजरीवाल पर दक्षिण पंथी हमलों के लिए इस टाइमिंग को सबसे बेहतर माना जा रहा है. केजरीवाल इतिहास में राजनीतिक रूप से सबसे कमजोर हालत में हैं. वो नगर निगम का चुनाव हार चुके हैं गोवा में भी खाता नहीं खोल चुके. उनके 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में है और ये सबसे सटीक मौका है जब दिल्ली में उनकी सरकार को कमज़ोर किया जा सकता है.

उधर वामपंथी धड़े को इस साजिश का लगता है अंदाज़ा लग गया है. कुमार विश्वास के बयान के ठीक बाद संजय सिंह ने तल्ख प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी को किसी के ज्ञान की ज़रूरत नहीं है. पार्टी के जामियानगर से विधायक अमानतुल्ला खान ने विश्वास के खिलाफ मोर्चा खोेल दिया है. विधायक की मानें तो कुमार विश्वास पार्टी में फूट डालने की साजिश में जुटे हैं.

अमानतुल्ला खान ने कहा, ‘कुमार विश्वास जी आम आदमी पार्टी को हड़पना चाहते हैं और पार्टी को तोड़ना चाहते हैं, वो अपने घर पर विधायकों को बुलाकर कह रहे हैं कि मुझे पार्टी का संयोजक बनवाओ नहीं तो बीजेपी में चलो. बीजेपी हर एक को 30 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है’.

जामिया से AAP विधायक ने कहा कि मुझे लगता है ये सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है और इस काम के लिए इन्होंने 4 विधायक छोड़े हुए हैं. ये चारों विधायक AAP के विधायकों को कुमार विश्वास के घर ले जाते हैं, इस बात की तस्दीक AAP के तमाम विधायकों ने की. यही नहीं, शनिवार को एक मंत्री के यहां इन चारों विधायकों के बीच बैठक भी हुई. अमानतुल्ला खान की मानें तो कुमार विश्वास की तरह से योगेंद्र यादव भी पार्टी के खिलाफ साजिश रचते थे.

लेकिन योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को आज केजरीवाल ज़रूर मिस कर रहे होंगे. इस दक्षिणपंथी हमले में आज प्रशांत भूषण होते तो केजरीवाल का साथ देते. एक संतुलन भी होता. उधर केजरीवाल ने कुमार विश्वास के साथ नज़दीकियों का हवाला देकर मामले को शांत करने की कोशिश की है उन्होंने कहा कि कुमार उनके छोटे भाई है और उनके और कुमार के बीच दरार डालने की कोशिश न की जाए. मामला इतनी जल्दी शांत रहने वाला नहीं है. खुद वैंकेया नायडू दिल्ली में आप सरकार को गिराने का इरादा जता चुके हैं. अब बीजेपी से वैचारिक रूप से नज़दीक नेताओं के हमले केजरीवाल की नयी चुनौती हैं.