रक्षाबंधन पर राखी बांधने के मुहूर्त की ये है सचाई, बाकी सब बकवास


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इस बार रक्षा बंधन पर काफी सलाहें आ रही हैं. कहा जा रहा है कि राखी बंधवाने के लिए इस साल काफी कम समय होगा. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि ग्रहण के मामले में सबसे सही जानकारी . इसके अलावा कोई भी जानकारी सिर्फ बकवास है.
पहला सच
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों. इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है. चंद्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चंद्र आसंधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं.
किसी सूर्यग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है. जहाँ चंद्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चंद्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है. इसके अतिरिक्त चंद्रग्रहण को, सूर्यग्रहण के विपरीत, आँखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चंद्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चंद्र से भी कम होती है.

दूसरा सच
रक्षाबंधन पर यानि सात अगस्त की रात चंद्र ग्रहण लगेगा, जो अगले दिन सुबह तक रहेगा. यह भारत सहित समूचे एशिया, यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा. हालांकि इसके बाद 21 अगस्त को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण अफ्रीका और भारत सहित एशिया के कुछ हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा. दिल्ली के नेहरू तारामंडल में निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया कि अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिख सकेगा, लेकिन चंद्र ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा. सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा जब एक सीधी रेखा पर आ जाते हैं तब चंद्र ग्रहण होता है.

तीसरा सच
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है. खास तौर पर सूर्यग्रहण के समय में.

चंद्र ग्रहण पर ये है बकवास
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाएगा. इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा. चंद्रग्रहण पूर्ण नहीं होगा बल्कि खंडग्रास होगा. पंडितों के अनुसार भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए. 7 अगस्त की सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षाबंधन हेतु शुभ समय है.

ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं?
– ग्रहण के काल में कैंची का प्रयोग न करें.
– फूलों को न तोड़े.
– बालों और कपड़ों को साफ न करें.
– दातुन या ब्रश न करें.
– ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.

क्या करें गर्भवती महिलाएं :
– ग्रहण और सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.
– ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
– इस दौरान किसी भी तरह का गलत ना सोचें.
– ग्रहण के दौरान कुछ खाएं-पिएं नहीं.
– भगवान का जप-ध्यान करें.