बाबा रामदेव को सरकार से मिली हैं बेहिसाब ज़मीनें, जानिए कहां है बाबा का साम्राज्य

नई दिल्ली: साल 2007 में शुरू हुई बाबा रामदेव की कंपनी अगर आज आसमान की उंचाइयां छू रही है तो इसमें सिर्फ उनके प्रोडक्ट की पॉपुलैरिटी नहीं है बल्कि सरकारों ने भी बाबा रामदेव को दोनों हाथ से मदद दी है. बाबा राम देव को एक इशारे पर देश के हर हिस्से में बड़ी बड़ी ज़मीनें मिलती चली गईं. बाबा पर सबसे ज्यादा मेहरबान रही बीजेपी के शासन वाले राज्यों की सरकारें. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक को इन राज्यों में ज़मीनें मिली हैं.
असम
पतंजलि आयुर्वेद को असम के तेजपुर में हर्बल और मेगा फ़ूड पार्क के लिए 150 एकड़ ज़मीन दी जा चुकी है. लेकिन इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बाबा रामदेव ने असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटवारी से मुलाक़ात कर 33 एकड़ ज़मीन और मांगी है.
1,200 करोड़ रुपए के इस पार्क में 10 लाख टन सालाना क्षमता की मैन्युफ़ैक्चरिंग इकाई होगी. ये इस साल मार्च में पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल नवंबर में पतंजलि आयुर्वेद को ग्रेटर नोएडा में 2,000 करोड़ रुपए का फ़ूड पार्क बनाने की इजाज़त दे दी है.
और साथ ही यूनिट के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर 450 एकड़ ज़मीन देने पर भी सरकार राज़ी हुई. ऐसा कहा जा रहा है ये इकाई पूरी क्षमता तक पहुंचने के बाद सालाना 25 हज़ार करोड़ रुपए के उत्पाद तैयार करेगी.
मध्य प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश ने भी बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को अपने यहां खींच लिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पतंजलि राज्य के धार ज़िले में 500 करोड़ की फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की दिशा में बढ़ रही है. इसके लिए बाबा रामदेव की कंपनी को 400 एकड़ ज़मीन दी जाएगी.

महाराष्ट्र
इसके अलावा नागपुर में पतंजलि मेगा फ़ूड और हर्बल पार्क की आधारशिला रखी जा चुकी है. ये फ़ूड पार्क 230 एकड़ में फैला होगा. ज़ाहिर है, यहां से पतंजलि आयुर्वेद को मध्य और पश्चिमी भारत के प्रमुख बाज़ारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि पतंजलि बिड देने वाली इकलौती कंपनी थी. इस सौदे में ज़मीन 25 लाख रुपए प्रति एकड़ दी गई.
आंध्र प्रदेश
ख़बर आई है कि योग गुरु बाबा रामदेव ना केवल उत्तर और मध्य बल्कि दक्षिण भारत तक क़दम फैलाने की कोशिश में हैं.
हाल में पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण कृष्णापटनम पोर्ट और उसके आसपास का इंडस्ट्रियल एरिया घूमकर आए थे. नेल्लोर ज़िले में शुरुआत कर बाबा रामदेव अपना कारोबारी साम्राज्य दक्षिण भारत तक फैलाना चाहते हैं.
फिलहाल पातंजलि आयुर्वेद का सबसे बड़ा केंद्र हरिद्वार में है. पतंजलि फ़ूड एंड हर्बल पार्क में अलग-अलग तरह की कई इकाइयां काम कर रही हैं.
कंपनी आगे चलकर ना केवल भारत बल्कि नेपाल में भी पैर पसारने की योजना बना रही है. स्कॉटलैंड में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के पास एक आईलैंड भी है. ऐसा कहा जाता है कि लिटिल कंब्री आइलैंड को यूरोप में बाबा रामदेव के ट्रस्ट का कारोबार देख रहे सैम और सुनीता पोद्दार ने दान में दिया था. इस ख़ूबसूरत द्वीप पर पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के निर्देशन में कथित तौर पर योग पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है और इसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय योगा केंद्र बनाने की योजना है.