डेरा सच्चा सौदा के बाग की होगी खुदाई ? लाशें दबे होेने की आशंका, सैकड़ों हत्याएं और 200 बच्चियों से रेप का आरोप

नई दिल्ली : सीबीआई बाबा राम रहीम के आश्रम में खुदाई कर सकती है. आरोप है कि बाबा अपने आश्रम में लोगों को मारकर उनकी हड्डियां बाग में गाड़ देता था. पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि डेरे में सैकड़ों लोगों को अलग अलग मामलों में गला घोंटकर मारा गया था और उनकी डेड बाडी सिरसा ब्रांच नहर (भाखड़) में बहा दी जाती थी. यह सिलसिला कई साल लगातार चलता रहा. बाद में मारे जाने वाले लोगों का दाह संस्कार किया जाने लगा और उनकी हड्डियां डेरे के पीछे बने बाग में गाड़ दी जाती थी.

सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने खुदाई का फैसला डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के गार्ड रह चुके बेअंत सिंह के एक बयान के बाद उठाया है.ये बयान बेअंत सिंह ने एक टीवी चैनल से बातचीत में किया है. बेअंत उन 250 युवाओं में शामिल है, जिन्हें नपुंसक बनाया गया था. इनमें से कई लड़के अब विदेश चले गए और कुछ लड़के अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में रहकर अपनी जिंदगी काट रहे हैं.

बेअंत सिंह ने चैनल से कहा कि डेरा प्रमुख ने सबसे पहला मर्डर फकीर चंद नाम के व्यक्ति का कराया. उसके बाद सैकड़ों लोग मारे गए, जिनके शव साथ लगती भाखड़ा नहर में बहाए गए. फिर लोगों को मारकर उनकी लाश के हाथ जोड़कर लकडि़यों की चिता बनाकर उस पर बिठाया जाने लगा. संदेश यह दिया जाता था कि व्यक्ति अपने गुरु को याद करते हुए स्वर्गलोक में चला गया. बेअंत ने बताया कि ऐसे लोगों का अगले दिन संस्कार किया जाता था और हड्डियां बेरी के बाग में दबा दी जाती थी. इस बाग में जब हड्डियों की मात्रा बढ़ गई तो डेरा प्रेमियों से यह हलफनामे लिए जाने लगे कि यदि मृत्यु होती है तो उनकी डेड बॉडी शोध के लिए डेरे में दान दे दी जाएगी. हजारों लोगों ने ऐसे हलफनामे दिए.

बेअंत ने कहा कि इन हलफनामों की आड़ में भी लोगों को मारकर उनकी हड्डियां बाग में पड़ी पुरानी हड्डियों में मिलाई जाने लगी थी. बेअंत सिंह ने चौंकानी वाली जानकारी दी कि 1995-96 में माउंट आबू में एक टेंट में गुरमीत सिंह ने 15-16 साल की बच्ची को बुलाया. तब वह खुद टेंट के बाहर पहरा दे रहा था. उसके साथ रेप किया गया. उसकी आवाजें आ रही थी. यह लड़की आज भी डेरे में है, लेकिन वह उसका नाम नहीं बता सकता. बेअंत के अनुसार डेरा प्रमुख ने 200 से 250 लड़कियों के साथ बुरा काम किया है. वहां करीब 400 लड़कियां हैं, जिन्हें साध्वी बताया जाता है. डेरा प्रमुख की गुफा में सारी रात कोई न कोई लड़की आती थी. उसके पहरेदारों में वह खुद शामिल होता था. बेअंत के मुताबिक उसकी धारणा माउंट आबू से बाबा के प्रति खराब हो चुकी थी, लेकिन बाकी पहरेदार उसके कुकृत्यों से सहमत थे.