देश में जातिवाद, सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयतावाद, और भाषावाद की गंदी राजनीति ने हालात बद से बदतर किए हैं. महाराष्ट्र स्वाभिमान, मुंबईकर जैसी धारणाओं ने बाकी देश के लोगो के लिए नफरत बढ़ाई ही थी अब गुजरात में भी दूसरे राज्यों के लोग खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे हिंदी भाषी राज्यों के उपर हमले हो रहे हैं.
गुजरात के गांधीनगर, अहमदाबाद, पाटन, साबरकांठा और महसाणा में कई जगह उत्तर भरतीयों को बिना कसूर निशाना बनाया गया. ऐसी खबरें आ रही हैं कि कई उत्तर भारतीयों ने इन हमलों के डर से गुजरात छोड़ भी दिया है. अब तक इस मामले में 180 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं.
दरअसल बीते हफ्ते रविंद्र साहू नाम के एक व्यक्ति पर गुजरात के साबरकांठा में एक 14 माह की बच्ची के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा. रवीन्द्र साहू बिहार का रहने वाला था इसके बाद गुजरातियों के भीतर भरी गई राजनीतिक नफरत सड़क पर आ गई. जगह जगह उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ हमले शुरु हो गए.
उत्तर भारतीयों के पर गुजरात में हमले के बाद डीजीपी शिवानंद झा का कहना है कि बलात्कार की घटना के बाद से एक विशेष समुदाय के लोग गुजरात में बाहर के लोगों को टारगेट कर रहे हैं. बता दें कि पीड़ित परिवार गुजरात के ठाकोर समुदाय से ताल्लुक रखता है, जिसके बाद हिंसा के ज्यादातर मामलों में ठाकोर समुदाय के लोगों का नाम सामने आया है.
बता दें कि उत्तर भारतीयों पर हमले के आरोप कांग्रेस विधायक और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर पर लगे हैं. हालांकि अल्पेश ठाकोर ने इन आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि बदनामी से बचने के लिए सत्ताधारी पार्टी ठीकरा उनके सिर फोड़ रही है. इसके साथ ही ठाकोर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने 72 घंटों में उनके समुदाय के ‘बेगुनाह’ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए.
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