बिहार में डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी, गुस्से में दलित

नई दिल्ली :  एक तरफ संविधान बदलने और उसकी मूल भावना से छेड़छाड़ का मामले सामने आ रहे हैं तो दूसरी तरफ लगातार संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर की मूर्तियों को खंडित करे के मामले सामने आ रहे हैं. सबसे ताज़ा मामला बिहार के पटना जिले के सरारी गांव का है

जनपोस्ट की खबर के मुताबिक भारतीय संविधान को बदलने को लेकर उठ रही मांगो के कारण बिहार के पटना जिले के सरारी गांव में मुर्ति दानापूर रेलवे स्टेशन के सरारी गुमटी के पास लगी भारतीय संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर की मूर्ती को खंडित कर दिया गया. यह घटना 30 दिसंबर की रात की बताई जा रही है.

हाल ही में भाजपा नेता और केंद्रीय मेंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था ‘हां, संविधान यह अधिकार देता है कि हम खुद को धर्मनिरपेक्ष कहें, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं, हम भी उसमें संशोधन करेंगे, हम सत्ता में इसलिए ही आए हैं.’ हेगड़े ने यह भी कहा था कि, ‘अगर कोई ख़ुद की पहचान अपने धर्म से करता है चाहे वो व्यक्ति मुसलमान, ईसाई, ब्राह्मण, लिंगायत या हिंदू हो तो मुझे बहुत खुशी होगी लेकिन यदि वे कहते हैं कि वे धर्मनिरपेक्ष हैं तो ये परेशानी पैदा करने वाली बात है.’

वेबसाइट लिखती है कि दलित इतिहास में काफी कष्ट झेल चुके है वह आज भी निशाना बनाए जा रहे है और अब उनके मसीहा माने जाने वाले डॉ आंबेडकर की मूर्ती का अपमान भारतीय संविधान और दलित के लिए खतरे की घंटी है. पिछले कुछ सालों में बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तो हर माह तीन-चार ऐसी घटनाएं हो ही जाती हैं और भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में ही तीन महीने के अंदर तीन बार अंबेडकर की मुर्ति को खंडित किया गया.