कल तक चुनौती दे रहे BSNLका जियो के सामने यू टर्न, अचानक क्यों बदला रुख

दो दिन पहले ही हर तरफ खबर थी कि सरकारी क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल ने रिलायंस जियो को कड़ी टक्कर दी है और उसने रिलायंस से भी सस्ता प्लान देकर  सबको चौंका दिया है लेकिन हफ्ता पूरा होते होते बीएसएनएल की सेवाएं रिलायंस की मुट्ठी में आ गई है. कोई इसे अंबानी के मोदी कनेक्शन से जोड़कर देखे या कुछ और कहे लेकिन हकीकत यही है कि सरकारी कंपनी बीएसएनएस अब अंबानी के साथ खड़ी हो गई है. ऐसा उस समय हुआ है जब बीएसएनएल के अलावा सभी कंपनियां अंबानी के फ्री कॉल को अपने नेटवर्क पर आने देने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में बीएसएनएल अपने सबसे सघन देशव्यापी नेटवर्क को अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को इस्तेमाल के लिए देने को तैयार हो गई है बदले में उसे अधकचरी आथी अधूरी रिलायंस जियो की सेवाएँ अपने उपभोक्ता के लिए उन जगहों पर मिल सकेंगीं जहां जियो नहीं है. लेकिन अगर तुलना की जाए तो ऐसी जगहें बहुत कम हैं जहां बीएसएनएल का नेटवर्क न हो और रिलायंस की पहुंच हो. यानी पूरे समझौते से रिलायंस की ही मौज रहेगी.

रिलायंस जियो और बीएसएनएल ने 2जी और 4जी सेवाओं के लिए अपने सर्किलों के अंदर रोमिंग का समझौता किया है. इस समझौते के लागू होने पर बीएसएनएल के ग्राहक रोमिंग में रिलायंस जियो की 4जी सेवाएं हासिल कर सकेंगे तथा रिलायंस जियो के ग्राहक फोन कॉल के लिए बीएसएनएल के 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे. दोनों कंपनियों के बीच इंट्रा-सर्किल रोमिंग एग्रीमेंट हुआ है.

बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने बयान में कहा कि इस समझौते से दोनों कंपनियों को फायदा होगा और उन्हें दोनों के नेटवर्क का बाधारहित लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि बीएसएनएल अपने नेटवर्क को मजबूत कर रही है जिसमें 3 महीने लग सकते हैं. उसके बाद 4जी हैंडसेट रखने वाले बीएसएनएल के ग्राहक जियो की 4जी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए दोनों कंपनियां दर अभी तय करने वाली हैं.

रिलायंस जियो के प्रबंध निदेशक संजय मश्रुवाला ने कहा कि उनकी कंपनी अपने स्तर पर बिल्कुल एक नए दौर का नेटवर्क स्थापित कर रही है साथ ही इस तरह के समझौतों से हमारे ग्राहकों को रोमिंग के समय बराबर संपर्क में बने रहने की सुविधा होगी. बीएसएनएल की ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति है और पूरे देश में ग्राहक संख्या के हिसाब से यह पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है. देश भर में इसे 1,14,000 के करीब नेटवर्क साइट हैं.

दोनों कंपनियों का कहना है कि हमारा फोकस है कि नेटवर्क कैपिबबिलिटी को बढ़ाना है. साथ ही हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा कस्टमर्स तक पहुंच बढ़ाना है. इस करार से दोनों ही कंपनियों को एक दूसरे का सपोर्ट मिलेगा, साथ ही कस्टमर्स को बेहतर अनुभव मिलेगा. बता दें कि इससे पहले सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल ने वोडाफोन इंडिया के साथ 2जी इंट्रा सर्किल रोमिंग पैक्टी किया है. इसके तहत, दोनों कंपनियां अपने 2जी कस्टगमर्स को रोमिंग के दौरान एक-दूसरे के नेटवर्क से कनेक्टिविटी दे सकेंगी.